योगी सरकार की तरफ से नई आबकारी नीति को मिली मंजूरी
Uttar Pradesh New Excise Policy: यूपी के शराब के शौकीन लोगों के लिए एक अच्छी समाचार है। दिल्ली की तरह अब उत्तर प्रदेश के लोग भी रेलवे और मेट्रो स्टेशनों पर शराब के प्रीमियम ब्रांड पा सकते हैं। दरअसल, यूपी की योगी गवर्नमेंट की तरफ से नयी आबकारी नीति को स्वीकृति दी गई है। नयी आबकारी नीति के अनुसार, अब शराब के ठेके का लाइसेंस लेने के लिए अधिक फीस देनी होगी। योगी गवर्नमेंट की नयी आबकारी नीति की योजना पर सपा के चीफ अखिलेश यादव ने प्रश्न उठाया है। उन्होंने बोला कि क्या योगी जी इस तरह से यूपी को 1 ट्रिलियन की इकोनॉमी वाला राज्य बनाएंगे? क्या अब इसके अतिरिक्त कोई रास्ता नहीं बचा
लाइसेंस की फीस में इजाफा
नई आबकारी नीति के अनुसार शराब के ठेके के लाइसेंस की फीस में अच्छा-खासी बढ़ोतरी की गई है। लाइसेंस की फीस को लेकर यह नीति वर्ष 2024-25 के लिए जारी की गई है। अब शराब के ठेके का लाइसेंस लेने के लिए मालिकों को 10 फीसदी अधिक पैसे देने होंगे। ऐसे में अब एक लीटर देसी शराब की लाइसेंस फीस 254 रुपये और उस पर ड्यूटी फीस 32 रुपये हो गई है। नयी आबकारी नीति के अनुसार ठेके के मालिकों को अब पुलिस द्वारा लगाई जाने वाली सील से डरने की आवश्यकता नहीं है। नयी नीति में साफ-साफ बोला गया है कि पुलिस किसी भी शराब की थोक या फुटकर दुकान को सील नहीं कर सकती है।
जिलाधिकारी से अनुमति के बिना छापेमारी नहीं
अगर किसी स्पेशल मुकदमा में पुलिस को इस तरह कदम उठाना है तो उसके लिए उन्हें जिलाधिकारी से अनुमति लेनी होगी। डीएम की इजाजत के बिना पुलिस शराब की दुकान पर कार्रवाई नहीं कर सकेगी। इतना ही नहीं शराब और बीयर की दुकानों पर केवल आबकारी विभाग के ऑफिसरों और लाइसेंस जारी करने वाले जिलाधिकारी ही सीधे तौर पर छापेमारी कर सकते हैं। इनके अतिरिक्त यदि कोई एजेंसी या अधिकारी इन दुकानों पर छापेमारी करता है तो उसे जरूरी रूप से वीडियोग्राफी करवानी होगी।