अब 30 सालों से कांग्रेस पार्टी में रहे वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश बिधूड़ी ने दिया इस्तीफा
नई दिल्ली. कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी के गठबंधन की गांठ दिल्ली में काफी कमजोर पड़ती दिखाई दे रही है. अरविंदर सिंह लवली के बाद अब 30 वर्षों से कांग्रेस पार्टी पार्टी में रहे वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश बिधूड़ी ने त्याग-पत्र दे दिया है.
उन्होंने बोला है कि कांग्रेस पार्टी और आम आदमी पार्टी के बीच हुए गठबंधन से कांग्रेस पार्टी पार्टी के कार्यकर्ता एकदम खुश नहीं हैं. उन्होंने बोला कि ये ‘आप’ पार्टी ही है जिसने लगातार कांग्रेस पार्टी को भ्रष्टाचारी, चोर बता कर और गालियां देकर, बुरा भला कह कर सत्ता में आई.
दिल्ली कांग्रेस पार्टी प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली के बाद गुरुवार को वरिष्ठ नेता ओमप्रकाश बिधूड़ी ने पार्टी की अहमियत सदस्यता से त्याग-पत्र दे दिया. उन्होंने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट शेयर कर इस बात की जानकारी दी है.
इससे पहले बुधवार को पूर्व विधायक नसीब सिंह और नीरज बसोया ने त्याग-पत्र दिया था. इस दौरान नसीब सिंह ने भी कांग्रेस-आप गठबंधन पर गंभीर प्रश्न खड़े किए थे. कांग्रेस पार्टी गवर्नमेंट में 15 वर्ष से मंत्री रहे राजकुमार चौहान भी त्याग-पत्र दे चुके हैं.
दरअसल, ओपी बिधूड़ी ने 28 अप्रैल को एक्स पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष लवली के फोटो के साथ एक पोस्ट शेयर की थी, जिसमें उन्होंने लिखा कि दिल्ली प्रदेश कांग्रेस पार्टी कांग्रेस पार्टी कमेटी के अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने प्रदेश अध्यक्ष पद से त्याग-पत्र देने के जो कारण बताए हैं, वो सभी सत्य हैं और मैं भी उन सभी कारणों से सहमत हूं.
ओम प्रकाश बिधूड़ी वर्ष 2013 में तुगलकाबाद विधानसभा सीट से विधायक का चुनाव लड़ चुके हैं. वह प्रदेश कांग्रेस पार्टी में महासचिव के पद पर भी रह चुके हैं.
उधर, लवली के त्याग-पत्र देने के बाद देवेंद्र यादव को अंतरिम अध्यक्ष नियुक्त किया गया है, जो कि पंजाब कांग्रेस पार्टी के प्रभारी भी हैं.
ओम प्रकाश बिधूड़ी ने बोला है कि मेरे त्याग-पत्र देने की वजह बहुत सारी हैं, लेकिन मुख्य वजह आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पार्टी पार्टी का गठबंधन है.
उन्होंने बोला है कि हजारों कार्यकर्ता हैं जो इस गठबंधन से खुश नहीं हैं. मैंने उनकी भावना व्यक्त की है.
उन्होंने बोला कि इसकी वजह केवल यह है कि यह आम आदमी पार्टी कांग्रेस पार्टी को भ्रष्टाचारी कह कर और उनके नेताओं को चोर बताकर और हमको ही गालियां देकर यह सत्ता में आई. उन्होंने बोला जब अरविंदर सिंह लवली अध्यक्ष थे तो इस बारे में मैंने उनसे बात की थी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. मेरा त्याग-पत्र कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावनाएं हैं.