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बोस की 127वीं जयंती पर भागवत ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में आरएसएस की एक रैली में कहा…

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को लोगों से नेताजी सुभाष चंद्र बोस के गुणों और शिक्षाओं को अपनाने का आग्रह करते हुए एक मजबूत देश के निर्माण के उनके सपने को साकार करने की दिशा में कार्य करने की सामूहिक जिम्मेदारी की जरूरत पर बल दिया.

बोस की 127वीं जयंती पर भागवत ने पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में आरएसएस की एक रैली में बोला कि इस दिन सिर्फ़ नेताजी को याद करना पर्याप्त नहीं है.
उन्होंने बारासात में कहा, हमें नेताजी को न सिर्फ़ स्वतंत्रता संग्राम में उनके अमूल्य सहयोग के लिए कृतज्ञता के कारण याद करना चाहिए, बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए भी कि हम उनके गुणों, आदर्शों और सिद्धांतों को आत्मसात करें.
भागवत ने कहा, ‘‘यदि उनके सपने अभी भी अधूरे हैं, तो उन्हें पूरा करने की जिम्मेदारी किसकी है?

यदि वह देखेंगे कि वर्तमान पीढ़ी इसे हासिल करने के लिए काम कर रही है, तभी यह पूरा होगा.’’
आरएसएस प्रमुख भागवत ने बोला कि वर्तमान पीढ़ी को नेताजी की आकांक्षाओं को साकार करने की दिशा में एक्टिव रूप से काम करना चाहिए.
भागवत ने कहा, ‘‘वह जानते थे कि ये सपने केवल एक पीढ़ी में पूरे नहीं हो सकते. इस पर उनके बाद की पीढ़ियों को लगातार काम करना होगा. हमें उनके हिंदुस्तान के सपने को हासिल करने के लिए काम करना होगा, जैसा वह चाहते थे.’’

भागवत ने स्वतंत्रता सेनानियों के नि:स्वार्थ जीवन, संघर्ष और बलिदान के स्थायी असर को रेखांकित किया तथा जनता के लिए प्रेरणास्रोत के रूप में उनकी किरदार पर बल दिया.
यह कार्यक्रम पश्चिम बंगाल में भागवत के लगातार दूसरे साल का प्रतीक है, जिसमें वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोहों में भाग लेते रहे हैं.

 



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