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पाकिस्तानी गिरोह का भाया नेपाल भारत में बनाया है अपना बड़ा नेटवर्क

पूर्णिया. पाक से औनलाइन माध्यम से नेपाल में आये पैसे को कैश करा हिंदुस्तान में खपानेवाले तरराष्ट्रीय रैकेट के तीन भारतीय एजेंट की गिरफ्तारी के बाद पूर्णिया पुलिस इस फंडिंग के पूरे नेटवर्क को खंगालने में जुट गयी है. अब तक के अनुसंधान में यह संभावना व्यक्त किया जा रहा है कि पिछले एक वर्ष में पाक से भाया नेपाल, हिंदुस्तान के विभिन्न बैंक खातों में सौ करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शन हो चुका है. यह ट्रांजेक्शन किस मकसद से हुआ है, इसके तह में जाने के लिए पुलिस जुट गयी है. अनुमान है कि यह फंडिंग आतंकवादी या फिर उग्रवादी गतिविधि को बढ़ाने के लिये की जा रही हो. बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी रैकेट का भाया नेपाल हिंदुस्तान में अपना बड़ा नेटवर्क बनाया है. इस पूरे नेटवर्क को धीरे- धीरे खंगाला जा रहा है.

बड़ी मात्रा में हिंदुस्तान में रुपयों का ट्रांजेक्शन

विगत एक साल में काफी बड़ी मात्रा में हिंदुस्तान में रुपयों का ट्रांजेक्शन हुआ है. पूछे जाने पर पुलिस के अधिकारी सौ करोड़ से अधिक रुपये की ट्रांजेक्शन होने की आसार से मना नहीं कर रहे हैं. अरैस्ट भारतीय एजेंट ने पुलिस को कहा था कि पाकिस्तानी हैंडलर द्वारा अररिया के अरैस्ट इन तीन अपराधियों के माध्यम से पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में बैंक एकाउंट खुलवाया जाता था. इस एकाउंट में क्राइम से संबंधित पैसा जमा करवाया जाता था. नेपाल में खाता खुलवाने वाले को कुल राशि का दो फीसदी और भारतीय एजेंट को 5 फीसदी दिया जाता था. अरैस्ट तीनों क्रिमिनल भारतीय एजेंट हैं जिनका काम नेपाल में खाता खोलवाकर वहां से पैसा निकाल कर हिंदुस्तान लाना रहता था. इसके बाद पाकिस्तानी हैंडलर के बताये गये एकाउंट में डालना रहता था. यह सिलसिला पिछले एक साल से चल रहा था.

नेपाल से सटे अररिया क्षेत्र से ज्यादातर लोग शामिल

पुलिस सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी फंडिंग मुद्दे से कई लोग जुड़े हैं. इनमें नेपाल से सटे अररिया क्षेत्र से ज्यादातर लोग शामिल हैं. इसकी खास वजह यह है कि पाकिस्तानी एजेंटों द्वारा हाल के दिनों में नेपाल के तराई क्षेत्र में अअपनी गतिविधि बढ़ा दी है. नेपाल का तराई क्षेत्र के बड़े भाग से अररिया जिले की सीमा लगती है. एेसे लोगों की गुप्त ढंग से जांच की जा रही है. पुलिस सूत्रों के अनुसार, इस तरह के नेटवर्क से जुड़े लोग काफी शातिर होते हैं. पांच से छह महीने तक खोले गये बैंक खाता में रुपये का ट्रांजेक्शन कर उसे ब्लाक कर देते हैं. अभी नेपाल में जो खाता चल रहा होगा, उसका ही पता चल पायेगा. हिंदुस्तान के अंदर बैंकों के विभिन्न खातों में जमा किये गये रुपयों का भी पता लगाया जा रहा है. जिन राज्यों में पैसा भेजा गया है, उस खातेधारी का नाम और उसके निवास जगह का पता लगाया जा रहा है.

कैसे हुआ पाकिस्तानी फंडिंग का खुलासा

बीते एक दिसंबर को एक आदमी का मोबाइल गुम हो गया था. उसने थाना आकर कम्पलेन की और कहा कि गुम हुए मोबाइल में पे टेलीफोन है. अनुसंधान के क्रम में गुम हुए इस मोबाइल को बरामद किया गया. बरामद मोबाइल के माध्यम से पता चला कि पे टेलीफोन से फ्लिप कार्ड के द्वारा औनलाइन शॉपिंग की गयी है. जब इस साइबर फ्रॉड की गहराई से जांच की गयी तो अनुसंधान के क्रम में जलालगढ़ के पास से तीन अपराधियों को अरैस्ट किया गया जो सभी अररिया जिले के रहनेवाले हैं. तीनों के क्रियाकलापों की जब बारीकी से जांच की गयी तो पाकिस्तानी हैंडलर से कनेक्शन का पता चला.

डीएसपी बोले..

पाकिस्तान से जितने भी रुपये नेपाल भेजे गये और वहां से हिंदुस्तान में, इसकी जांच पड़ताल बारीकी से की जा रही है. इसकी पूरी जांच पड़ताल के लिए जल्द ही पुलिस की एक टीम नेपाल के विराटनगर जायेगी.

 

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