पशुपति कुमार पारस ने नई दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से की मुलाकात
पटना: लोकसभा के लिए सीट आवंटन को लेकर NDA के साथ दरार की अटकलों को खत्म करते हुए, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने नयी दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की. NDA द्वारा बिहार में चिरांग पासवान के नेतृत्व वाली लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के लिए हाजीपुर सहित पांच लोकसभा सीटें अलग करने से नाराज पारस ने एक मीडिया ब्रीफिंग में बीजेपी पर ‘अन्याय’ का इल्जाम लगाया था. इसी नाराज़गी में पारस ने केंद्रीय मंत्रिमंडल से भी त्याग-पत्र दे दिया था.
एक्स पर अपने आधिकारिक हैंडल पर लेते हुए, नड्डा ने पोस्ट किया कि ‘एनडीए में हमारे सहयोगी एवं रालोजपा के प्रमुख पशुपति पारस जी से नयी दिल्ली में आवास पर मुलाकात की. एनडीए सदस्य के नाते पशुपति जी ने पीएम मोदी जी के नेतृत्व में लगातार अच्छे कार्य किए. आने वाले चुनाव में भी हमारा गठबंधन मजबूती से बना रहेगा और उनकी पार्टी बिहार में एनडीए के सभी 40 उम्मीदवारों का पूर्ण समर्थन करेगी. साथ ही उनकी जीत सुनिश्चित करने में हरसंभव योगदान देगी.‘
उल्लेखनीय है कि, इस महीने की आरंभ में केंद्रीय मंत्री पद से अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए, पारस ने हाजीपुर से टिकट कटने के बाद बीजेपी पर ‘अन्याय’ करने का इल्जाम लगाया था. आनें वाले सात चरणों के आम चुनावों के लिए उनकी पार्टी का कोई भी सदस्य एनडीए के टिकट पर नहीं उतरा. एनडीए ने पहले चिराग के साथ जो समझौता किया था, उसके अनुसार उनकी पार्टी बिहार में पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. चिराग स्वयं अपने पिता, पूर्व केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के निर्वाचन क्षेत्र हाजीपुर से निचले सदन में कार्यकाल की आशा कर रहे हैं. प्रेस वार्ता के बाद जहां उन्होंने हाजीपुर से टिकट से वंचित होने के बाद अपनी असहमति व्यक्त की, यह संभावना व्यक्त किया गया कि पारस इण्डिया ब्लॉक के समर्थन से स्वयं को फिर से निर्दलीय के रूप में मैदान में उतार सकते हैं.
हालाँकि, उन्होंने हाजीपुर से अपने नामांकन को लेकर सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए बोला कि वह लोकसभा चुनाव में “एनडीए को समर्थन देना जारी रखेंगे”. हालाँकि, वह भतीजे चिराग के साथ समझौता करने में विफल रहे. एक्स पर एक पोस्ट में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, नड्डा और बीजेपी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े को टैग करते हुए पारस ने हिंदी में लिखा, “राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी एनडीए का हिस्सा है और पीएम मोदी हमारे नेता हैं.“
उन्होंने बोला कि इस बार हाजीपुर से चिराग को मैदान में उतारने का फैसला ‘सर्वोच्च’ था, उन्होंने कहा, “हम यह सुनिश्चित करने के लिए अपने उम्मीदवारों को अपना पूरा समर्थन देंगे कि एनडीए 400 सीटों के अपने लक्ष्य तक पहुंचे और बिहार में सभी 40 सीटें जीते.” बिहार में बीजेपी और उसके एनडीए घटक दलों के बीच बनी व्यापक समझ के तहत, बीजेपी 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि राज्य में उसका सत्तारूढ़ सहयोगी जदयू अन्य 16 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगा. जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाला हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) एक-एक सीट पर चुनाव लड़ेंगी जबकि लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) शेष पांच सीटों पर चुनाव लड़ेगी.
बता दें कि राम विलास द्वारा स्थापित अविभाजित एलजेपी 2021 में दो गुटों में विभाजित हो गई, जिसमें चिराग और पारस प्रतिद्वंद्वी संगठनों का नेतृत्व कर रहे थे. 2019 के चुनावों में, पारस ने हाजीपुर से जीत हासिल की, जबकि चिराग ने जमुई से प्रचंड जीत हासिल की थी.