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वीडियो कॉल के जरिए लोगों को अश्लील चैट में फंसाकर पैसे ऐंठने के आरोप में 5 लोगों को पुलिस ने किया गिरफ्तार

अगर आपको भी प्रिया, पूजा और रश्मि जैसे सुंदर-सुंदर नामों वाली लड़कियों के नाम से मीठी-मीठी आवाज में कॉल और वीडियो कॉल आते हैं. तो जनाब! होशियार जल्द ही  आपकी जेब कट सकती है या फिर आपको ‘अश्लील वीडियो’ के नाम पर धमकियां मिल सकती हैं.

अश्लील चैट में फंसाकर पैसे ऐंठने का कांड

दरअसल हरियाणा पुलिस ने नूंह में वीडियो कॉल के जरिए लोगों को अश्लील चैट में फंसाकर लोगों से पैसे ऐंठने के इल्जाम में 5 लोगों को अरैस्ट किया है. पता चला कि यह आरोपी लड़कियों के नाम पर सोशल मीडिया साइट्स पर एकाउंट बनाते थे, फिर लोगों को वीडियो कॉल करते थे और उन्हें अश्लील चैट में फंसाते थे.

राजस्थान में बीते 2 वर्ष से चल रहा कांड

बाद में अश्लील वीडियो में फंसाकर इन निर्दोष लोगों को धमकियां दी जाती थीं कि उनके वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर दिए जाएंगे. ऐसे में बदनामी के डर से अनेक लोग आरोपियों को पैसे भी भेज देते थे. वीडियो कॉल पर ब्लैकमेलिंग करने वाले आरोपियों की पहचान मोहम्मद साद, अमीन, दिलशाद, हुसैन और जाहिद के रूप में हुई है. पुलिस ने उनके पास से 8 मोबाइल टेलीफोन और 10 सिम कार्ड भी बरामद किए हैं. पुलिस ने यह भी कहा कि आरोपी राजस्थान के डीग, अलवर और भरतपुर जिलों के रहने वाले हैं और अंतरराज्यीय रैकेट बनाकर बीते दो वर्ष से लोगों के साथ ठगी कर रहे थे. आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.

बुजुर्ग से लुटे 36 लाख रुपए से ज्यादा

इस बात पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला ने जानकारी दी कि, नूंह में  सेक्टर-13 निवासी एक बुजुर्ग को लड़की ने एक वीडियो कॉल किया और उसके बाद अश्लील वीडियो बना लिया था, जिसके आधार पर उन्हें ब्लैकमेल कर पैसों की मांग की जा रही थी. उनके अनुसार, बाद में पीड़ित बुजुर्ग ने साइबर क्राइम थाना में FIR दर्ज कराई थी.

वहीं पुलिस अधीक्षक ने कम्पलेन के हवाले से कहा कि ठगी के इस मुद्दे में भिन्न-भिन्न टेलीफोन नंबर से कॉल कर अश्लील वीडियो को यूट्यूब से हटाने के नाम पर क्राइम शाखा, दिल्ली में निरीक्षक और सीबीआई का अधिकारी बताकर बीते 17 और 18 जनवरी को दो दिन के अंदर 36 लाख 84 हजार 300 रुपये भी ट्रांसफर कराए गए थे.

सोशल मीडिया से सावधान

SP वरुण सिंगला ने कहा कि घटना के 48 घंटे के भीतर ही इन आरोपियों को अरैस्ट करने में कामयाबी मिली है. वहीँ पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में यह भी खुलासा हुआ कि आरोपियों को दरअसल सोशल मीडिया से साइबर ठगी का विचार आया और उन्होंने पैसे ऐंठने के लिए बाकायदा एक अंतरराज्यीय रैकेट ही बना लिया.

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