राजनीति जो न करा दे! नबरंगपुर में बुआ-भतीजे के बीच मुकाबला
जिस सीट पर लड़ रहे चुनाव उस पर बीजेडी का कब्जा
जूनियर सामंतराय कांग्रेस पार्टी के टिकट पर दो बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. जबकि उनके बड़े भाई पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं. बीजू जनता दल (बीजेडी) ने राज्य की शहरी विकास मंत्री उषा देवी के बेटे चिन्मयानंद श्रीरूप देब को चिकिटी विधानसभा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया है. उषा देवी इस बार चुनाव नहीं लड़ रही हैं. उषा देवी इस सीट से पांच बार विधायक चुनी गई थीं. वर्तमान में यह सीट बीजेडी के पास है.
क्या कहते हैं रवींद्रनाथ
रवींद्रनाथ ने बोला कि मैं अपने पिता के समय से ही कांग्रेस पार्टी में एक्टिव रहा हूं. इसलिए मुझे पार्टी से चुनाव लड़ने के लिए टिकट मिला. यह दो विचारधाराओं के बीच मुकाबला होगा न कि दो भाइयों के बीच. मनोरंजन ने दावा किया कि वह पिछले कई सालों से राजनीति में बहुत एक्टिव हैं. इसलिए उन्हें भाजपा ने टिकट दिया. उन्होंने कहा, “कुछ निहित स्वार्थों ने परिवार में अशांति पैदा करने के लिए मेरे भाई को कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए उकसाया होगा.
बेटों का प्रचार नहीं करेंगे पिता
चिंतामणि द्यान सामंत्रे ने बोला कि खराब स्वास्थ्य के कारण वह किसी का चुनाव प्रचार नहीं कर पाएंगे. 84 वर्षीय कांग्रेसी नेता ने बोला कि वह कांग्रेसी हैं और बीजेपी की नीतियों का विरोध करते हैं. उन्होंने बोला कि मेरे छोटे बेटे का भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने का निर्णय उसका अपना निर्णय था. लोकतंत्र में हम अपना निर्णय किसी पर नहीं थोप सकते.
बता दें कि 13 मई को होने वाले ओडिशा विधानसभा चुनाव में दक्षिणी ओडिशा का नबरंगपुर जिला बुआ और भतीजे के बीच चुनावी लड़ाई का गवाह बनेगा. कौशल्या प्रधान को बीजेडी ने नबरंगपुर विधानसभा सीट से मैदान में उतारा है, जबकि उनके भतीजे दिलीप उसी निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार हैं. दिलीप ने बोला कि यह दो पार्टियों की लड़ाई है. बुआ-भतीजे के बीच नहीं. कौशल्या ने बोला कि चुनाव का उनके पारिवारिक संबंध पर कोई असर नहीं पड़ेगा.