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अमेरिकी सेब पर ‘लाल’ हुई सियासत, हिमाचल से कश्मीर तक बवाल

जी 20 शिखर सम्मेलन से पहले हिंदुस्तान गवर्नमेंट की ओर से अमेरिकी सेब के आयात पर लगने वाले एडिशनल ड्यूटी को हटाने के निर्णय का कांग्रेस पार्टी ने जोरदार विरोध किया है गवर्नमेंट के निर्णय की हो रही निंदा पर वाणिज्य मंत्रालय ने अपनी सफाई पेश की है मंत्रालय ने अपनी सफाई में बोला है कि इस निर्णय का क्षेत्रीय व्यापारियों के ट्रेड पर कोई असर नहीं पड़ेगा गवर्नमेंट ने अपनी सफाई में यह बोला है कि केवल एडिशन ड्यूटी को समाप्त किया गया है, जबकि कम अमेरिकी सेब के आयात के बावजूद 50 प्रतिशत के बेसिस ड्यूटी को बरकरार रखा गया है वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने बोला है कि अमेरिकी सेब और अखरोट पर 50 प्रतिशत और 100 प्रतिशत का एमएफएन शुल्क लागू रहेगा क्योंकि सिर्फ़ अतिरिक्त 20 प्रतिशत शुल्क हटा दिया गया है अमेरिकी बादामों पर एमएफएन रेट 100 रुपये प्रति किलोग्राम लागू रहेगी, सिर्फ़ 20 रुपये प्रति किलोग्राम की अतिरिक्त एमएफएन रेट हटाई गई है

पीयूष गोयल ने कही यह बात

अमेरिका से आयातित सेब पर 20 प्रतिशत सीमा शुल्क में छूट के केंद्र के निर्णय पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी बोला है कि राष्ट्र में सेब के उत्पादन को समर्थन देने के लिए मोदी गवर्नमेंट ने सेब पर भारी आयात शुल्क लगाया है कुछ महीने पहले हमने सेब के लिए न्यूनतम आयात मूल्य भी निर्धारित किया थाअमेरिका की ओर से हिंदुस्तान पर लगाए गए प्रतिबंधों के उत्तर में, जिसके कारण हमारा निर्यात कम हो गया था, हमने सेब पर जवाबी शुल्क लगाया था

इधर, वाणिज्य मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव पीयूष कुमार ने बोला है कि केवल अमेरिकी अतिरिक्त दरें हटा दी गई हैं सेब पर लागू मूल सीमा शुल्क रेट 50 प्रतिशत जारी रहेगी हमारे पास सात राष्ट्र हैं जो सेब लाते हैं जब हमने अमेरिका के विरुद्ध यह अतिरिक्त शुल्क बढ़ाया है, तो अमेरिका ने एक हानि यह हुआ कि उन्होंने कुछ बाजार खो दिया जिसे अन्य राष्ट्रों ने ले लिया मंत्रालय ने बोला है कि गवर्नमेंट के इस निर्णय से प्रीमियम सेगमेंट वाले सेब, अखरोट और बादाम में कंपटीशन देखने को मिलेगा जिससे घरेलू कंज़्यूमरों को बेहतर मूल्य पर अच्छी क्वालिटी वाले प्रोडक्ट्स मौजूद होंगे

गौरतलब है कि वर्ष 2019 में हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने 20 प्रतिशत का एडिशनल ड्यूटी अमेरिकी सेब, अखरोट बादाम पर लगाने का निर्णय लिया था हिंदुस्तान गवर्नमेंट ने यह कदम अमेरिका की ओर से भारतीय स्टील और एल्युमिनियम प्रोडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ाने के बाद लिया था इसी कड़ी में कहा जा रहा है कि गवर्नमेंट ने अभी भारतीय स्टील एल्यूमीनियम प्रोडक्ट्स अमेरिकी बाजार तक एक्सेस देने के भरोसे के बाद वापस लिया है हालांकि, मंत्रालय की ओर से बोला गया है कि इससे भारतीय उत्पादकों को कोई फर्क नहीं पड़ेगा

फैसले पर पुनर्विचार करे सरकार- कांग्रेस
इधर, कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को दावा किया कि गवर्नमेंट ने अमेरिका को उपहार देते हुए अमेरिकी सेब पर आयात शुल्क को 70 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने का निर्णय किया है, कांग्रेस पार्टी ने बोला कि इस निर्णय से जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बागवानों और किसानों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा यह बागवानों और किसानों पर चाबुक चलाने वाला कदम है पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी बोला कि गवर्नमेंट को भारतीय किसानों एवं बागवानों के भलाई में इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए मीडिया से बात करते हुए श्रीनेत ने बोला कि जब पीएम मोदी गुजरात के सीएम थे तो उस समय बोला करते थे कि विदेशी सेब पर 100 प्रतिशत आयात ड्यूटी लगा देंगे लेकिन अब खबरें हैं कि मोदी जी ने अमेरिका के सेब पर आयात शुल्क को 15 प्रतिशत करने का निर्णय किया है जो पहले 70 प्रतिशत हुआ करता था

कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने बोला कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी वॉशिंगटन सेब पर आयात शुल्क कम करके हिमाचल प्रदेश के 5 लाख से अधिक सेब किसानों के साथ अन्याय किया जा रहा है उन्होंने यह भी बोला कि जब प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी पीएम नहीं थे तो वह बोला करते थे कि हिमाचल उनका दूसरा घर है और वाशिंगटन सेब पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया जाएगा लेकिन जब वह पीएम बने तो रिपोर्टों के मुताबिक जी 20 के दौरान केंद्र गवर्नमेंट ने फैसला लिया कि वाशिंगटन सेब पर सिर्फ़ 15 प्रतिशत आयात शुल्क लगाया जाएगा, जो कभी 70 प्रतिशत था

प्रियंका ने केन्द्र गवर्नमेंट से पूछा सवाल
इधर, अमेरिका से आयातित सेब पर 20 प्रतिशत सीमा शुल्क में छूट के केंद्र गवर्नमेंट के निर्णय पर कांग्रेस पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी प्रश्न खड़ा किया है प्रियंका ने बोला कि इससे अमेरिकी सेब का आयात सरल हो जाएगा और वे सरलता से बेचे जाएंगे खरीद की मूल्य शिमला में सेब का उत्पादन बड़े उद्योगपतियों की ओर से कम कर दिया गया है प्रियंका ने बोला कि जब सेब उत्पादक यहां पीड़ित हैं, तो किसकी सहायता की जानी चाहिए? उनकी, या अमेरिका के किसानों की

उमर अब्दुल्ला ने की फिर से विचार करने की अपील
इधर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने सोमवार को केंद्र से अमेरिका से आयातित सेब, अखरोट और बादाम पर अतिरिक्त शुल्क हटाने के अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने की अपील करते हुए बोला कि गवर्नमेंट को विदेशियों को खुश करने के बजाय अपने लोगों को खुश करने की प्रयास करनी चाहिए इसी कड़ी में नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने बोला है कि इस मुद्दे को लेकर जल्द विरोध प्रदर्शन करेंगे उन्होंने बोला कि केंद्र गवर्नमेंट ने यह नहीं सोचा कि इसका राष्ट्र के किसानों पर क्या असर पड़ेगा

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