राष्ट्रीय

राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023,हनुमान बेनीवाल की बदलती रणनीति

सियायत का भी अपना एक मिजाज है यह समय, काल और हालात को देखकर कब बदल जाए कुछ नहीं बोला जा सकता आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल कल तक वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत पर जबर्दस्त ढंग से हमलावर थे बेनीवाल सचिन पायलट के प्रति नरम थे लेकिन अब गणित बदल गया है अब उनके तेवर गहलोत के विरुद्ध थोड़े नरम और सचिन पायलट के विरुद्ध गरम दिख रहे हैं राजनीति के जानकार भी हनुमान बेनीवाल की रणनीति को लेकर दंग तो हैं लेकिन वे इसके गूढ़ रहस्यों को भली–भाँति समझ रहे हैं

सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने तक का दावा करने वाले हनुमान आजकल उनके विरुद्ध खुलकर मोर्चा खोल रहे हैं बेनीवाल ने पिछले दिनों एक बयान देते हुए गहलोत को फौजमार कप्तान कहा था लेकिन बाद में पायलट को गहलोत से भी बड़ा फौजमार कप्तान कहा था बेनीवाल ने बोला था कि मैंने पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की वकालत की थी पायलट ने मुझे टेलीफोन किया था इस पर मैनें उनको समर्थन देने का घोषणा भी किया था लेकिन अब हालात बदल चुके हैं

हरीश चौधरी और हनुमान बेनीवाल में है छत्तीस का आंकड़ा
ज्योति मिर्धा भाजपा में जा चुकी है लिहाजा नागौर में उनकी मुश्किलों में बढ़ोत्तरी होने की आसार जताई जा रही है ऐसे में अब कांग्रेस पार्टी और आरएलपी के गठबंधन के होने और नहीं होने दोनों की चर्चाएं जोरों पर हैं राजनीति के जानकार बताते हैं कि दरअसल इसकी एक मूल में वजह हरीश चौधरी भी हैं हरीश चौधरी से हनुमान बेनीवाल का छत्तीस का आंकड़ा रहा है दोनों के समर्थक बाड़मेर में कई दफा आमने सामने आ चुके हैं हनुमान बेनीवाल हरीश चौधरी को कई बार मंचों से ललकार चुके हैं पथराव तक की घटनाएं तक हो चुकी हैं

हरीश और सचिन की नजदीकियां भी हनुमान को खटक रही है
इसके पीछे की वजह बायतू विधानसभा सीट को बताया जा रहा है वहां से हनुमान की आरएलपी ने पिछली बार हरीश चौधरी को बड़ी कठिन से विधानसभा पहुंचने दिया था हरीश चौधरी तो खुलकर यहां तक कह चुके हैं कि बेनीवाल की पार्टी को सीएम अशोक गहलोत प्रायोजित करते हैं बायतू में पचास प्रतिशत जाट वोटर हैं और बताया जा रहा है कि हनुमान यहां से चुनाव भी लड़ सकते हैं इसलिए हनुमान की बायतू में सक्रियता को हरीश चौधरी किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं बेनीवाल की पायलट की प्रति तल्खी की एक वजह यह भी बताई जा रही है कि हरीश चौधरी और सचिन पायलट की नजदीकियां बढ़ रही हैं

खींवसर में बरस रही है गहलोत गवर्नमेंट की मेहरबानियां
पायलट और चौधरी के बीच पक रही इस राजनीतिक खिचड़ी के बीच गहलोत गवर्नमेंट की तरफ से जिस तरह से बेनीवाल के विधानसभा क्षेत्र खींवसर में मेहरबानियां बरस रही हैं उसे लेकर भी कांग्रेस पार्टी के नेता दंग हैं और गठबंधन की संभानाओं से डरे हुए हैं इन मेहरबानियों के भी कई राजनीतिक अर्थ निकाले जा रहे हैं डीएमएफटी के फंड का बंटवारा हो या फिर खींवसर विधानसभा से जुड़े दूसरे काम गहलोत गवर्नमेंट की वहां पर हर तरफ से कृपा बरस रही है इससे आरएलपी सुप्रीमो तो खुश हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी में हनुमान के प्रतिद्वंद्वी परेशान हैं

कांग्रेसियों के पैरों तले से जमीं खिसक रही है
हनुमान इसे अपनी ताकत बता रहे हैं इसके साथ ही वे गवर्नमेंट की ओर से कराये जा रहे काम को उनकी लोकप्रियता का हिस्सा बताकर जनता की हमदर्दी हासिल करने की प्रयास करते दिखाई दे रहे हैं लेकिन इससे कांग्रेस पार्टी के ही नेताओं के पेशानी पर बल पड़ रहे हैं स्वयं की नजरंदाजी और हनुमान पर मेहरबानी देख कांग्रेसियों के पैरों तले से जमीं खिसक रही है

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