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राजनाथ सिंह ने “25 करोड़” लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए भाजपा सरकार की प्रशंसा की, कहा…

नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मध्य प्रदेश के खंडवा और बड़वानी जिले में सार्वजनिक सभाओं को संबोधित करते हुए कांग्रेस पार्टी पार्टी की तुलना ‘डूबते जहाज’ से की, जिसके पेंदे में छेद है और बोला कि दुनिया की कोई भी ताकत इसे डूबने से नहीं रोक सकती.  गांधी परिवार पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए सिंह ने टिप्पणी की, “आजादी के बाद, महात्मा गांधी ने कांग्रेस पार्टी को भंग करने का सुझाव दिया क्योंकि राष्ट्र में लोकतंत्र स्थापित हो चुका था. हालांकि, कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने महात्मा गांधी की राय को नजरअंदाज कर दिया.” उन्होंने कहा, “मेरा मानना ​​है कि इस राष्ट्र के लोगों ने कांग्रेस पार्टी के संबंध में महात्मा गांधी की ख़्वाहिश को पूरा करने का निर्णय किया है और निश्चित रूप से कांग्रेस पार्टी को राष्ट्र से हटा देंगे.

सिंह ने पिछले 10 सालों में “25 करोड़” लोगों को गरीबी से बाहर निकालने के लिए बीजेपी गवर्नमेंट की प्रशंसा की. उन्होंने कहा, “जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और मनमोहन सिंह, सभी का लक्ष्य गरीबी उन्मूलन करना था, लेकिन असफल रहे. हालांकि, मोदी गवर्नमेंट 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में सफल रही.” सूरत और इंदौर में हालिया घटनाक्रम के बीच ‘लोकतंत्र खतरे में है’ के आरोपों पर सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी उम्मीदवार पहले भी 20 बार निर्विरोध चुने जा चुके हैं. सिंह ने मालवा में सांस्कृतिक विरासत की रक्षा में होल्कर की किरदार पर प्रकाश डालते हुए पीएम मोदी की तुलना अहिल्याबाई होल्कर से की. उन्होंने कहा, “मोदी जी वही कर रहे हैं जो अहिल्याबाई होल्कर ने किया था. उन्होंने उज्जैन महाकाल कॉरिडोर, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण सुनिश्चित किया.

‘एक देश एक चुनाव’ की वकालत करते हुए, सिंह ने समकालिक चुनावों की जरूरत पर बल देते हुए कहा, “विधानसभा चुनाव लगभग चार महीने पहले हुए थे, और अब कुछ ही समय के भीतर आम चुनाव हो रहे हैं. मेरा मानना ​​है कि हर बार पांच वर्ष में एक ही चुनाव होना चाहिए. अगली बार दोनों चुनाव एक साथ होंगे और हम इस दिशा में काम करेंगे

मध्य प्रदेश में चार चरणों में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं. पहले दो चरण 19 अप्रैल और 26 अप्रैल को संपन्न हुए. वोटों की गिनती 4 जून को होगी. मध्य प्रदेश में कुल 29 लोकसभा क्षेत्र हैं, जो संसदीय अगुवाई के मुद्दे में यह छठा सबसे बड़ा राज्य है. 2019 के चुनाव में भाजपा ने 29 में से 28 सीटों पर जीत हासिल की, जबकि कांग्रेस पार्टी केवल एक सीट ही हासिल कर पाई

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