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Rohith Vemula Case: रोहित वेमुला क्लोजर रिपोर्ट के बाद, तेलंगाना पुलिस ने कहा…

हैदराबाद के विद्यार्थी रोहित वेमुला की खुदकुशी मुद्दे पर तेलंगाना पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट के कुछ घंटों बाद, राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रवि गुप्ता ने रिपोर्ट में विसंगतियों का इल्जाम लगाया और बोला कि वह मुद्दे में न्यायालय से हस्तक्षेप का निवेदन करेंगे. उन्होंने यह भी बोला कि वह मजिस्ट्रेट से आगे की जांच की अनुमति देने का निवेदन करेंगे.

इंडिया टुडे टीवी से एक्सक्लूसिव बात करते हुए अधिकारी ने कहा, “रिपोर्ट में कुछ शक हैं. हम न्यायालय से मुद्दे को देखने का निवेदन करेंगे.” उन्होंने कहा, “जैसा कि मृतक रोहित वेमुला की मां और अन्य लोगों द्वारा कुछ शक व्यक्त किए गए हैं, मुद्दे में आगे की जांच करने का फैसला लिया गया है. न्यायालय में एक याचिका दाखिल की जाएगी जिसमें मजिस्ट्रेट से मुद्दे की आगे की जांच की अनुमति देने का निवेदन किया जाएगा.

डीजीपी ने कहा, “मामले में जांच अधिकारी सहायक पुलिस आयुक्त, माधापुर थे और मुद्दे में आखिरी क्लोजर रिपोर्ट पिछले वर्ष नवंबर 2023 से पहले की गई जांच के आधार पर तैयार की गई थी.” उन्होंने कहा, “हम पता लगाएंगे कि क्या जांच अधिकारी ने अन्य जानकारी उच्च ऑफिसरों के संज्ञान में नहीं लाई.” शुक्रवार को, तेलंगाना पुलिस ने मुद्दे में अपनी क्लोजर रिपोर्ट में दावा किया कि वेमुला दलित नहीं था और 2016 में खुदकुशी कर ली क्योंकि उसे डर था कि उसकी “असली जाति” का पता चल जाएगा.

पुलिस ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट में सबूतों की कमी का हवाला देते हुए आरोपियों को क्लीन चिट भी दे दी. इस बीच, रोहित वेमुला के परिवार ने शुक्रवार को बोला कि वह 2016 के उनके खुदकुशी मुद्दे में तेलंगाना पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट को कानूनी रूप से चुनौती देंगे.

उनके भाई राजा वेमुला ने दावा किया कि जिला कलेक्टर को परिवार की अनुसूचित जाति (एससी) स्थिति पर फैसला लेना था, जिसके बाद पुलिस को बोलना पड़ा कि वे आगे की जांच करेंगे.

समाचार एजेंसी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, राजा वेमुला ने यह भी बोला कि वे इस मुद्दे पर तेलंगाना के सीएम ए रेवंत रेड्डी से मिलने की योजना बना रहे हैं.

पुलिस प्रमुख गुप्ता ने बोला कि मुद्दे में जांच अधिकारी माधापुर के सहायक पुलिस आयुक्त थे और की गई जांच के आधार पर आखिरी क्लोजर रिपोर्ट नवंबर से पहले तैयार की गई थी. रिपोर्ट में बोला गया है कि आखिरी क्लोजर रिपोर्ट आधिकारिक तौर पर जांच अधिकारी द्वारा 21 मार्च को न्यायिक न्यायालय में दाखिल की गई थी.

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