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तवज्जो न देने पर मुखर नजर आ रहा सचिन खेमा 

नई दिल्‍ली राजस्‍थान में कांग्रेस पार्टी (Congress) पार्टी की अंदरूनी कलह का मुद्दा एक फिर दिल्‍ली पहुंचा है मुख्‍यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच जारी तनाव पार्टी के प्रचार सामग्री में भी दिखा है पार्टी के ज्‍यादातर पोस्‍टर्स में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ही है सचिन पायलट खेमे ने दिल्‍ली में पार्टी आलाकमान से कम्पलेन करते हुए बोला है कि राजस्‍थान के पार्टी पोस्‍टर्स में सचिन पायलट को बहुत कम स्थान दी गई है, जबकि अधिकांश पोस्‍टर्स मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लगाए गए हैं

सचिन खेमे ने बोला है कि सचिन पायलट को कांग्रेस पार्टी का स्‍टार प्रचारक माना जाता है और उनकी अन्‍य राज्‍यों में भी डिमांड की जाती रही है पायलट की सभा के लिए 5 चुनावी राज्‍यों में हो रही है इससे पहले सचिन पायलट, हिमाचल और दिल्‍ली चुनावों में भी डिमांड में थे, लेकिन स्वयं उनके राज्य राजस्‍थान में उनकी स्टार प्रचारक की किरदार केवल कागजों तक सीमित है यहां तक कि पार्टी के प्रचार सामग्री में अशोक गहलोत ही हैं इस बात की कम्पलेन पायलट के खेमे के जरिए दिल्ली दरबार तक पहुंच गई जिसके बाद कुछ जगहों पर सचिन भी दिखने प्रारम्भ हुए हैं

तवज्जो न देने पर मुखर नजर आ रहा सचिन खेमा 

2004 में 26 वर्ष की उम्र में सचिन सांसद बने, फिर 2009 अजमेर से सांसद और 32 वर्ष की उम्र में केंद्र गवर्नमेंट में मंत्री बन गए थे फिर 2013 में गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान में पार्टी बुरी तरह हारी तो 36 वर्ष की उम्र में सचिन को राजस्थान कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष की जवाबदेही मिली 5 वर्ष की मेहनत के बाद भी 2018 में मुख्यमंत्री की कुर्सी अशोक गहलोत को मिली तो अध्यक्ष के साथ डिप्टी मुख्यमंत्री सचिन पायलट बने लेकिन बाद में तवज्जो न मिलने से नाराज पायलट ने गहलोत के विरुद्ध बगावत कर दी तब से गहलोत और सचिन में लगातार राजनीतिक युद्ध चल रहा है एक बार फिर सचिन स्वयं को तवज्जो न देने पर मुखर नजर आ रहे हैं अब देखना ये है की गहलोत खेमा उनको प्रचार सामग्रियों पर कितनी तवज्जो देती है और सचिन कब तक चुप रहते हैं

 

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