मणिपुर में बीते हिंसा में अब तक 175 लोगों की मौत, जबकि 1108 लोग घायल और 32 है लापता
इम्फाल। जहां एक तरफ मणिपुर (Manipur Violence) में बीते मई से प्रारम्भ हुई जातीय अत्याचार में अब तक कम से कम 175 लोगों की मृत्यु हो चुकी है जबकि 1108 लोग घायल हुए हैं और 32 लोग लापता हैं। वहीं पुलिस ने यह भी कहा कि, इस अत्याचार में कुल 4,786 मकानों को आग के हवाले किया गया और 386 धार्मिक स्थलों को नष्ट किया गया है।
यह भी गौरतलब है कि, बीते 4 महीनों से अत्याचार से जूझ रहे मणिपुर से असम राइफल्स को हटाने की मांग को लेकर मैतेई स्त्रियों ने असहयोग आंदोलन प्रारम्भ किया हुआ है। स्वयं को मैतेई बताने वाली स्त्रियों के एक संगठन ने पहाड़ी जिलों के उलट घाटी जिलों में सेंट्रल फोर्सेस, खासतौर से असम राइफल्स को वापस बुलाने की मांग को लेकर घाटी में केंद्र गवर्नमेंट के संस्थानों पर ताले लगाना भी प्रारम्भ कर दिया है।
इसके पहले कुछ स्त्रियों ने इंफाल पूर्व के अकम्पत में राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (NIELIT) को बंद कर दिया था। वहीं इंफाल पश्चिम जिले के इरोइसेम्बा में केंद्रीय कृषि यूनिवर्सिटी (CAU) परिसर पर ताला जड़ दिया गया था।
क्या कहती है पुलिस
मामले पर पुलिस महानिरीक्षक (अभियान) आई के मुइवा ने बोला कि, “मणिपुर इस समय जिस चुनौतीपूर्ण समय का सामना कर रहा है, ऐसे में हम आपको भरोसा दिला सकते हैं कि केंद्रीय बल, पुलिस और नगर निकाय प्रशासन सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए चौबीसों घंटे काम कर रहा है।”
लुटे आग्नेयास्त्र में से कुछ की ही बरामदगी
मुइवा ने बीते गुरूवार को कहा कि जो हथियार “खोए” थे, उनमें से 1,359 आग्नेयास्त्र और 15,050 गोला-बारूद बरामद कर लिए गए हैं। जानकारी दें कि, अत्याचार के दौरान कथित तौर पर दंगाइयों ने बड़ी संख्या में पुलिस के हथियार और गोला-बारूद लूट लिए थे। मुइवा ने कहा कि इस दौरान आगजनी के कम से कम 5,172 मुद्दे दर्ज किए गए और 254 गिरजाघर एवं 132 मंदिर समेत 386 धार्मिक स्थलों में तोड़-फोड़ की गई।
96 मृतशरीर लावारिस, 9 की अब भी नहीं हुई पहचान
पुलिस महानिरीक्षक (प्रशासन) के। जयंत ने कहा कि मारे गए 175 लोगों में से नौ की अब भी पहचान नहीं हो पाई है। उन्होंने कहा, ‘‘79 शवों के परिजन का पता चल गया है जबकि 96 मृतशरीर लावारिस हैं। इम्फाल स्थित रिम्स (क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान) और जेनीएमएस (जवाहरलाल नेहरू आयुर्विज्ञान संस्थान) में क्रमशः 28 और 26 मृतशरीर रखे हैं, 42 मृतशरीर चुराचांदपुर हॉस्पिटल में हैं।”
9,332 मुद्दे दर्ज,325 लोग गिरफ्तार
जयंत ने कहा कि 9,332 मुद्दे दर्ज किए गए और 325 लोगों को अरैस्ट किया गया। पुलिस महानिरीक्षक (जोन-3) निशित उज्ज्वल ने कहा कि एनएच-32 और एनएच-2 सामान्य रूप से चालू हैं। अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में जनजातीय एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद तीन मई को राज्य में जातीय अत्याचार भड़क गई थी। मणिपुर की जनसंख्या में मेइती लोगों की जनसंख्या लगभग 53 फीसदी है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। नगा और कुकी 40 फीसदी से कुछ अधिक हैं और पर्वतीय जिलों में रहते हैं।