सोनिया गांधी ने दिया चुनावी जीत का ‘खास-मंत्र’
नई दिल्ली : बीजेपी (BJP) भले ही अबकी बार 400 पार का नारा देकर विरोधी दलों पर दबाव बनाने की प्रयास कर रहे हो. साथ ही साथ 2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) में भारी जीत का दावा कर रही हो, लेकिन इसके उल्टा कांग्रेस पार्टी (Congress) पार्टी ने भी दो दशक पुरानी अपनी रणनीति पर काम करने की आरंभ की है. पार्टी के वरिष्ठ रणनीतिकार और सांसद जयराम रमेश का दावा है कि कांग्रेस पार्टी पार्टी 2004 के करिश्मे को एक बार फिर दोहराएगी.
कांग्रेस पार्टी के सांसद जयराम रमेश का बोलना है कि राष्ट्र में अबकी बार लोकसभा का चुनाव का ऐतिहासिक होगा. बीजेपी के दावे के उलट कांग्रेस पार्टी पार्टी अपने स्तर से उन राज्यों में चुनावी तैयारी प्रारम्भ कर दी है, जहां पर वह अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ना चाहती है. कांग्रेस पार्टी पार्टी के नेताओं का मानना है कि यदि 2004 की तर्ज पर एक बार फिर चुनावी तैयारी की जाए तो चुनाव रिज़ल्ट बदल सकते हैं.
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने बोला कि 2004 के चुनाव के दौरान सोनिया गांधी ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से एक बात कही थी कि आप लोगों को लोकसभा का चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर नहीं, बल्कि राज्यों के स्तर पर देखना चाहिए और यह सोचना चाहिए कि यह 29 राज्यों का चुनाव है, जिसका नतीजा लोकसभा के चुनाव के रूप में निकलेगा.
सोनिया गांधी की राय के बाद कांग्रेस पार्टी पार्टी ने राज्य स्तर पर अपनी चुनावी तैयारी प्रारम्भ की और जब चुनाव रिज़ल्ट आए तो कांग्रेस पार्टी की सत्ता में वापसी हो चुकी थी. इतना ही नहीं यही फार्मूला 2009 में भी अपनाया गया, जिसका नतीजा यह हुआ कि कांग्रेस पार्टी पार्टी ने केरल, तमिलनाडु और यूपी जैसे राज्यों में भारी संख्या में सीटें जीतने में सफल हो गयी. 2009 में यूपी से कांग्रेस पार्टी पार्टी ने 22 लोकसभा सीटें जीतीं थीं.
ऐसा लगता है कांग्रेस पार्टी पार्टी एक बार फिर दो दशक पहले सोनिया गांधी के द्वारा दिए गए चुनावी फार्मूले पर चुनाव लड़ने की योजना बना रही है और पार्टी के रणनीतिकार और वरिष्ठ नेता जयराम रमेश शायद इसी बात की ओर इशारा कर रहे हैं.
आपको याद होगा कि 2004 के लोकसभा चुनाव में यूपीए के साथ मिलकर कांग्रेस पार्टी पार्टी ने चुनाव लड़ा था, जबकि बीजेपी ने एनडीए गठबंधन बनाया था. इस दौरान कांग्रेस पार्टी पार्टी 145 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी थी और अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर गवर्नमेंट बनाने में सफल रही. वहीं 2009 के इलेक्शन में भी कांग्रेस पार्टी पार्टी ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व में अपना जलवा दिखाया और इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी पार्टी ने पहले की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन किया और कांग्रेस पार्टी पार्टी को लोकसभा चुनाव में 206 सीटें मिलीं, जबकि बीजेपी 116 सीटों पर सिमट गई थी.