पीएम मोदी और स्मरणानंद महाराज के एक पुरानी मुलाकात का किस्सा वायरल
PM Modi Swami Smaranananda: पीएम मोदी मंगलवार शाम अचानक कोलकाता पहुंचे और करीब एक महीने से हॉस्पिटल में भर्ती रामकृष्ण मिशन के प्रमुख संत स्वामी स्मरणानंद से मुलाकात करके उनका हालचाल जाना। सबसे पहले प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान गए। जहां रामकृष्ण मठ और मिशन के अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद महाराज का उपचार चल रहा है। उन्होंने उनके स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली। अब प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी एक पुरानी मुलाकात का किस्सा वायरल हो रहा है।
चार वर्ष पहले क्या हुआ था?
आपको गौरतलब है कि चार वर्ष पहले जब प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी स्वामी स्मरणानंद से मिलने कोलकाता पहुंचे थे। बेलूर मठ में स्वामी जी से मुलाकात के बाद उन्होंने अपना संबोधन दिया था। 12 जनवरी 2020 को पीएम मोदी ने मठ से अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA) पर संक्षिप्त व्याख्यान दिया था। तब प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेलूर मठ से अपने संबोधन के दौरान बोला था कि नया कानून किसी की नागरिकता नहीं छीनेगा। मोदी ने यह भी बोला कि युवाओं के एक वर्ग को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के बारे में गुमराह किया जा रहा है। ऐसे में लोगों को सावधान रहने की आवश्यकता है।
रामकृष्ण मिशन आश्रम ने जताई थी नाराजगी
बेलूर मठ में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के संबोधन के फौरन बाद संस्थान से जुड़े लोगों ने धार्मिक एवं आध्यात्मिक संस्था का राजनीतिकरण करने का इल्जाम लगाते हुए नाराजगी जताई थी। मिशन के एक सदस्य ने तब बोला था कि RKM, जो एक अराजनीतिक संस्था है, हमारे मंच से विवादास्पद सियासी संदेशों को प्रसारित होना एक दुखद अनुभव रहा। उन्होंने ये भी बोला कि बीते कुछ वर्षों में आश्रम का गहरा राजनीतिकरण किया गया है। जिन लोगों या दलों ने ऐसा किया है वो ठीक नहीं है।
रामकृष्ण मिशन ने तब सीएए (CAA) पर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणियों से स्वयं को दूर कर लिया था। मिशन के प्रवक्ता ने बोला था- ‘हम अपना घर छोड़कर मिशन में जीवनदानी बने हैं। मिशन एक अराजनीतिक संस्था हैं जो किसी के क्षणिक भाषण का समर्थन नही करती। हम किसी टकराव में नहीं पड़ते हैं।‘
तब बोला गया था कि मठ से प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के सीएए के संबोधन पर स्वामी स्मरणानंद महराज कुछ परेशान हो गए थे। जिसके बाद मिशन का बयान आया था।
पीएम मोदी की मंगलवार की मुलाकात की बात करें तो वह इस संस्था से गहरा जुड़ाव रखते हैं। वो संत स्मरणानंद से पहले भी मिल चुके हैं।
कौन हैं स्मरणानंद महाराज?
रामकृष्ण मठ और मिशन के 16वें अध्यक्ष स्वामी स्मरणानंद हैं। उन्होंने स्वामी आत्मस्थानंद की मौत के बाद 17 जुलाई, 2017 को मिशन के प्रमुख का दायित्व संभाला था। उनका जन्म 1929 में तमिलनाडु के तंजावुर के अंदामी गांव में हुआ था। वो विद्यार्थी जीवन से ही महान आध्यात्मिक विचारक थे। रामकृष्ण मिशन के साथ उनका पहला संपर्क 20 वर्ष की उम्र में हुआ। तब उन्होंने रामकृष्ण मिशन की मुंबई शाखा में कदम रखा और फिर 1952 में करीब 22 वर्ष की उम्र में मिशन को अपना जीवन समर्पित कर दिया। संप्रदाय के सातवें प्रमुख स्वामी शंकरानंद ने उन्हें दीक्षा दी। चार वर्ष बाद, स्वामी शंकरानंद ने उन्हें ब्रह्मचर्य की शपथ दिलाई। 1960 में उनका नाम स्वामी स्मरणानंद रखा गया। उन्होंने राष्ट्र भर में मिशन का काम आगे बढ़ाया। करीब दो वर्ष पहले वर्ष 2022 में स्वामी स्मरणानंद महाराज गंभीर रूप से बीमार पड़ गए थे। तब उनका उपचार कोलकाता के निजी हॉस्पिटल में हुआ था।