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दिल्ली-एनसीआर समेत यूपी-बिहार के इन शहरों में महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके

नई दिल्ली. दिल्ली-एनसीआर समेत यूपी-बिहार के कई शहरों में भूकंप के तेज झटके महसूस किए हैं. रिक्टर पैमाने पर भूकंप की तीव्रता 6.4 थी. भूकंप का केंद्र नेपाल कहा जा रहा है.

जानकारी के अनुसार देर रात 11.32 बजे के करीब भूकंप के झटके महसूस किए गए. इसके बाद अचानक लोग डर के कारण घरों से बाहर निकल आए. अभी अभी तक किसी जान-माल के हानि की कोई समाचार नहीं है.

क्या मानी जाती है भूकंप की असल वजह
दरअसल धरती के भीतर कई प्लेटें होती हैं जो समय-समय पर विस्थापित होती हैं. इस सिद्धांत को अंग्रेजी में प्लेट टैक्टॉनिकक और हिंदी में प्लेट विवर्तनिकी कहते हैं. इस सिद्धांत के मुताबिक पृथ्वी की ऊपरी परत लगभग 80 से 100 किलोमीटर मोटी होती है जिसे स्थल मंडल कहते हैं. पृथ्वी के इस भाग में कई टुकड़ों में टूटी हुई प्लेटें होती हैं जो तैरती रहती हैं.

सामान्य रूप से यह प्लेटें 10-40 मिलिमीटर प्रति साल की गति से गतिशील रहती हैं. हालांकि इनमें कुछ की गति 160 मिलिमीटर प्रति साल भी होती है. भूकंप की तीव्रता मापने के लिए रिक्टर स्केल का पैमाना इस्तेमाल किया जाता है. इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल बोला जाता है. भूकंप की तरंगों को रिक्टर स्केल 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है.

 

वैसे वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी के वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी हुई थी कि हिमालय क्षेत्र में एक बड़ा भूकंप आने का खतरा मंडरा रहा है, जो काफी बड़े क्षेत्र पर असर डाल सकता है. आईआईटी कानपुर के पृथ्वी विज्ञान विभाग के प्रोफेसरों ने भी भविष्य में एक बड़े भूकंप के आने की संभावना जताई थी. उनका बोलना है कि धरती के नीचे भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के बीच विवाद बढ़ रहा है.

हिमालय क्षेत्र में बन रही है भूगर्भीय ऊर्जा
वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, देहरादून के वैज्ञानिकों के मुताबिक, हिंदुकुश पर्वत से पूर्वोत्तर हिंदुस्तान तक का हिमालयी क्षेत्र भूकंप के प्रति बहुत संवेदनशील है.मौजूदा भूकंप का केंद्र भी हिंदूकुश के ही क्षेत्र को कहा जा रहा है. वैसे एक्सपर्ट्स का बोलना है कि हिमालय क्षेत्र में भूगर्भीय ऊर्जा और नए भूस्खलन जोन बन रहे हैं, जो भूकंप की आहट देते हैं.

 

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