राष्ट्रीय

बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक आई बाढ़,14 लोगों की मौत,22 सैन्यकर्मियों समेत 102 लोग अब तक लापता

  बीते बुधवार को उत्तरी सिक्किम (Sikkim Cloud Burst) में ल्होनक झील पर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ (Teesta River Flood) आने के कारण जहां 14 लोगों की मृत्यु हो गई और 22 सैन्यकर्मियों समेत 102 लोग अब तक लापता हैं वहीं इस आपदा के बाद से अब तक 2,011 लोगों को बचाया गया है जबकि 22,034 लोग इससे प्रभावित हुए हैं

सब तरफ बर्बादी का मंजर
इस बर्बादी के मंजर के बाद राज्य की तमांग गवर्नमेंट ने आपदा से प्रभावित चार जिलों में 26 राहत शिविर स्थापित किए हैं वहीं गंगटोक जिले के आठ राहत शिविरों में कुल 1,025 लोगों ने शरण ली है जबकि 18 अन्य राहत शिविरों में रह रहे लोगों के आंकड़ें अभी मौजूद नहीं हुए हैं आंकड़ों कि तो फिर भी बात हो जाएगी, लेकिन उन मानवीय संवेदनाओं का क्या, जो अभी इस राज्य के लोग दिखाना और बताना चाहते हैं  इनमें से बहुत से ऐसे हैं जो, घटना के कई घाटों के गुजरने के बाद भी अपनी स्थिति को समझ और स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं

जब एक सूटकेस में ही सिमट गयी दुनिया 
सिलीगुड़ी के नजदीक माटीगारा में रहने वाली एक परेशान रहवासी बताती हैं कि, वे जब बुधवार की सुबह सोकर उठी तो देखा कि, मानों तीस्ता नदी ठीक उसके बरामदे के बाहर से बह रही है जबकि सामान्य दिनों में यह उसके घर से करीब 250 मीटर की दूरी पर बहती थी उसने देखा कि नदी के तेज बहाव में कई तम्बू, बर्तन और जानवरों के मृतशरीर बह रहे थे उन्होंने कहा,”हम जैसे कई अभागे लोग अब सिर्फ़ सूटकेस लेकर ही निकल गए  बस अब तो हम अपने घरों की सलामती के लिए प्रार्थना कर रहे हैं

कोई केवल नूडल्स कहकर इंकार रहा शुक्र  
इधर बाइक-ट्रैकिंग टूर पर निकले कोलकाता के कुछ किशोर पर्यटकों का एक ग्रुप सिंगटेम के पास बिना खाने के ही फंस गया इनको वहां से वापस आने का कोई रास्ता नहीं मिल रहा था क्योंकि सिक्किम को पूरे हिंदुस्तान से जोड़ने वाला NH10, राजमार्ग बाढ़ में जगह-जगह से बह गया है इनमें से एक पर्यटक ने कहा, “कम से कम हम सुरक्षित तो बच गए और बाद में हम एक घर ढूंढने में सफल रहे यहां हमें खाने के लिए नूडल्स भी मिले हैं

घर से निकले कमाने को, लेकिन…
नौकरी और काम की तलाश में सिक्किम जा रहे मजदूर रमांकांत यादव अपने साथियों के साथ न्यू जलपाईगुड़ी रेलवे स्टेशन पर फंस गए दरअसल ये उन सैकड़ों पर्यटकों, मजदूरों और विद्यार्थियों में से हैं जो अब भी रेलवे स्टेशन पर फंसे हुए हैं उन्होंने कहा,”हमने किराये पर कैब करके जाने की प्रयास की लेकिन हमें बीच रास्ते से ही फिर वापस लौटा दिया गया और अब तो यात्रा के लिए पैसे भी समाप्त हो गए हैं

PM तमांग ने लिया जायजा 
इधर आज सीएम प्रेम सिंह तमांग ने आपदा में सबसे अधिक प्रभावित इलाकों में से एक सिंगतम का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया उन्होंने लोगों से सावधान रहने और सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने का आग्रह करते हुए आश्वासन दिया कि गवर्नमेंट उनके पुनर्वास के लिए सभी जरूरी प्रबंध कर रही हैतमांग ने प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद सिंगतम सामुदायिक केंद्र में एक इमरजेंसी बैठक की भी अध्यक्षता की

आज जायजा लेते हुए उन्होंने कहा,”मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि गवर्नमेंट जरूरतमंद लोगों को सभी जरूरी सहायता और राहत प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है हम स्थिति की भयावहता को समझते हैं और अपने नागरिकों की सुरक्षा एवं भलाई सुनिश्चित करने के लिए सभी मौजूद संसाधन जुटा रहे हैं

इसके साथ ही सीएम ने कहा,”हमारे समर्पित दल इस आपदा से पैदा हुई समस्याओं और चुनौतियों का निवारण करने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं मैं प्रशासन, क्षेत्रीय अधिकारियों, सभी संगठनों तथा व्यक्तियों से एकजुटता और योगदान की भावना से हाथ मिलाने का आग्रह करता हूं

 

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