राष्ट्रीय

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति के दो मामलों में मनीष सिसौदिया की जमानत याचिका को…

नई दिल्ली: सुप्रीम न्यायालय ने शुक्रवार को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति के दो मामलों में आम आदमी पार्टी (AAP) नेता और पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री मनीष सिसौदिया की जमानत याचिका 4 अक्टूबर तक के लिए टाल दी है न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की पीठ ने मुद्दे को तब स्थगित कर दिया जब सिसौदिया की ओर से पेश वरिष्ठ वकील और कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद अभिषेक सिंघवी ने बोला कि उन्हें मुद्दे पर बहस करने के लिए दो से तीन घंटे की आवश्यकता है

सिंघवी ने बोला कि, “हालांकि मैं कारावास में हूं, हम (दोनों पक्ष) सहमत हैं मेरी तरफ से सुनवाई में कम से कम दो-तीन घंटे लगेंगे इस मुद्दे पर तुरन्त ध्यान देने की आवश्यकता है” न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने आज न्यायालय में बोला कि, “इस मुद्दे की सुनवाई बोर्ड के किसी भी छोर पर या अगले हफ्ते गुरुवार को की जा सकती है” सिंघवी ने यह भी इल्जाम लगाया कि जब भी यह मुद्दा या सत्येन्द्र जैन का मुद्दा सामने आता है, तो मुद्दे की गुणवत्ता पर अखबार में लेख छपता है न्यायालय ने बोला कि उन्होंने समाचार पत्र नहीं पढ़ा है और कहा, ”हमें इसकी आदत डालनी होगी” बता दें कि, सिसोदिया ने मानवीय आधार पर अपनी बीमार पत्नी सीमा से मिलने के लिए अंतरिम जमानत की मांग करते हुए उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था और उनके बिगड़ते स्वास्थ्य से संबंधित मेडिकल रिपोर्ट प्रस्तुत की थी

दिल्ली शराब भ्रष्टाचार मामला:-

उपमुख्यमंत्री के रूप में सिसोदिया द्वारा संभाले गए कई कार्यों में से, उनके पास उत्पाद शुल्क विभाग भी था, उन्हें केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 26 फरवरी को “घोटाले” में उनकी कथित किरदार के लिए अरैस्ट कर लिया था और तब से वह हिरासत में हैं प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने तिहाड़ कारावास में उनसे पूछताछ के बाद 9 मार्च को सीबीआई की FIR से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मुद्दे में उन्हें अरैस्ट कर लिया था

इसके बाद सिसोदिया ने 28 फरवरी को दिल्ली कैबिनेट से त्याग-पत्र दे दिया था दो संघीय जांच एजेंसियों के अनुसार, उत्पाद शुल्क नीति को संशोधित करते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित फायदा पहुंचाया गया दिल्ली गवर्नमेंट ने 17 नवंबर, 2021 को नीति लागू की, लेकिन करप्शन के आरोपों के बीच और जांच के आदेश होते ही सितंबर 2022 के अंत में इसे रद्द कर दिया था

 

Related Articles

Back to top button