स्वामी प्रसाद मौर्य अपने राजनीतिक दल का करने वाले हैं ऐलान
नई दिल्ली। सपा से त्याग-पत्र देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य गुरुवार को अपने सियासी दल का घोषणा करने वाले हैं। दरअसल, उन्होंने समाजवादी पार्टी का साथ छोड़ने के साथ ही साफ कर दिया था कि वो नए सियासी दल का गठन करेंगे। मौर्य दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में अपनी नयी पार्टी घोषणा करेंगे, जिसका नाम ‘राष्ट्रीय शोषित समाज’ होगा।
बीते दिनों स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव की सियासी विचारधारा पर विरोध जताते हुए समाजवादी पार्टी से त्याग-पत्र दे दिया था, इसके बाद से यह चर्चा प्रारम्भ हो गई थी कि अब उनका अगला सियासी कदम क्या होगा? लेकिन, उन्होंने यह कहकर इन सभी चर्चाओं पर ब्रेक लगा दिया था कि वह किसी के साथ नहीं जा रहे हैं, बल्कि अपनी अलग पार्टी का गठन करेंगे।
उधर, अखिलेश यादव से जब स्वामी प्रसाद मौर्य के समाजवादी पार्टी से त्याग-पत्र देने के बारे में प्रश्न किया गया, तो उन्होंने बोला कि लोग अपने लाभ के लिए हमारे पास आते हैं और जब उनका काम निकल जाता है, तो वो चले जाते हैं।
वहीं, स्वामी प्रसाद ने अपने इस्तीफे के पीछे की वजह के बारे में बताते हुए बोला था कि अखिलेश यादव अब पिछड़ों की बात नहीं करते हैं, जिसे लेकर मेरा उनसे मतभेद है न की मनभेद। स्वामी ने बोला कि जिस दिन अखिलेश को अपनी गलती का एहसास होगा, उस दिन मैं दोबारा समाजवादी पार्टी में जाऊंगा।
बता दें कि अखिलेश ने स्वामी को पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी सौंपी थी, लेकिन स्वामी पहले महासचिव के पद से त्याग-पत्र दिया, फिर एमएलसी और इसके बाद उनका समाजवादी पार्टी से भी मोहभंग हो गया। खैर, अब उन्होंने अपने लिए नयी सियासी स्क्रिप्ट तैयार कर ली है, जिसे वो आज मूर्त रूप देने जा रहे हैं।
बता दें कि यूपी की राजनीति में स्वामी प्रसाद मौर्य एक पुराना नाम है। 80 के दशक में स्वामी ने यूपी की राजनीति में अपनी पारी प्रारम्भ की था। लोकदल से उन्होंने अपने राजनीतिक यात्रा का आगाज किया था, लेकिन उनके सियासी राह को नया मोड़ तब मिला, जब उन्होंने बीएसपी का दामन थामा। बीएसपी ने उन्हें मंत्री बनाया। वो मायावती के करीबी माने जाते थे। इसके बाद मायावती ने उन्हें विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तक की जिम्मेदारी सौंपी।
कुछ दिनों तक स्वामी भाजपा में भी रहे। यहां भी उन्हें कई बड़ी जिम्मेदारी मिली। इसके बाद वो समाजवादी पार्टी के बैनर तले आए, जहां उन्हें कई बड़ी जिम्मेदारी मिली, लेकिन उनका यहां से भी मोहभंग हो चुका है।
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्य ऐसे समय में अपनी पार्टी बनाने जा रहे हैं, जब लोकसभा चुनाव सिर पर है। ऐसे में बहुत संभव है कि वो मौर्य, कुशवाहा और ओबीसी समुदाय के लोगों के पक्ष में अपनी बात रखते हुए दिखेंगे। ध्यान दें, स्वामी ओबीसी समुदाय के हितों पर खुलकर अपनी बात रखते हैं और स्वयं को ओबीसी समुदाय का पैरोकार बताते हैं।