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स्वामी प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी से दे दिया अपना इस्तीफा

स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंगलवार को सपा से अपना त्याग-पत्र दे दिया. यूपी के पूर्व कैबिनेट मंत्री और प्रमुख ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य 2022 में सपा में शामिल हो गए थे और फाजिलनगर से विधानसभा चुनाव लड़े थे लेकिन असफल रहे. मौर्य ने पिछले सप्ताह पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव पद से त्याग-पत्र दे दिया था और नेतृत्व पर उनके साथ भेदभाव करने और उनकी टिप्पणियों पर उनका बचाव नहीं करने का इल्जाम लगाया था. मौर्य ने रामचरितमानस और अयोध्या मंदिर प्रतिष्ठा कार्यक्रम पर विवादित बयान दिया था. एमएलसी पद भी उन्होंने छोड़ दिया है.

विधान सभा में गवर्नर के अभिभाषण पर बोलते हुए, मौर्य ने राम लला के ‘प्राण प्रतिष्ठा’ (अभिषेक) कार्यक्रम पर प्रश्न उठाए थे और बोला था कि जब हजारों सालों से अयोध्या में ईश्वर राम की पूजा की जाती रही है, तो अभिषेक कार्यक्रम 22 जनवरी को करोड़ों रुपये खर्च करने की क्या आवश्यकता है. राज्य में पिछड़े वर्ग के प्रमुख नेता माने जाने वाले मौर्य पांच बार विधान सभा सदस्य, यूपी गवर्नमेंट में मंत्री, सदन के नेता और विपक्ष के नेता (2012-17) भी रहे हैं. जब वह बीएसपी में थे. वह 2017 और 2022 के बीच योगी आदित्यनाथ गवर्नमेंट में श्रम मंत्री थे और पिछले विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने बीजेपी छोड़ दी थी.

स्वामी प्रसाद मौर्य नयी पार्टी बना सकते हैं. सोशल मीडिया पर उनके पोस्ट के मुताबिक, मौर्य ने नयी पार्टी का नाम और झंडा लॉन्च किया है. वह 22 फरवरी को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में एक रैली को संबोधित करेंगे. नयी पार्टी का नाम राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी होगा. इसके झंडे में नीला, लाल और हरा रंग होगा. इसके बाद से वह अखिलेश यादव पर निशाना भी साध रहे हैं. अखिलेश यादव को लेकर उन्होंने बोला कि वह राज्य या केंद्र में सत्ता में नहीं हैं. वह कुछ भी देने की स्थिति में नहीं है. और अब तक उसने मुझे जो कुछ दिया है, वह सब मैं लौटा दूँगा. उन्होंने बोला कि मेरे लिए विचारधारा जरूरी है, पद नहीं. सभी वर्गों का अधिकार एवं कल्याण मेरी अहमियत है. जब भी उस पर धावा होगा, मैं आवाज उठाऊंगा. नयी पार्टी बनाने की अटकलों के बारे में पूछने पर एसपी मौर्य कहते हैं, “मैंने सब कुछ कार्यकर्ताओं पर छोड़ दिया है. वे जो चाहेंगे वो मुझे स्वीकार्य होगा.

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