ब्लड बैंक ने 121 दिनों में केवल 25 दिन ही ई-रक्त कोशिकाओं पर किया अपना स्टॉक अपडेट
मुंबई: दिसंबर 2022 से अप्रैल 2023 तक महाराष्ट्र राज्य रक्त आधान परिषद और ई-रक्तकोष पोर्टल पर दैनिक रक्त मात्रा विवरण अपडेट नहीं करने के लिए 93 सरकारी ब्लड बैंकों पर 12,72,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इस मुद्दे में ढिलाई के मुद्दे में विले पार्ले का आरएन कूपर ब्लड बैंक सबसे आगे नजर आया। आरटीआई आवेदन के उत्तर में कहा गया कि इस ब्लड बैंक ने 121 दिनों में सिर्फ़ 25 दिन ही ई-रक्त कोशिकाओं पर अपना स्टॉक अपडेट किया है।
हाल ही में चेतन कोठारी नाम के एक सामाजिक कार्यकर्ता ने पिछले पांच महीनों में ब्लड बैंकों पर लगाए गए जुर्माने का विवरण प्राप्त करने के लिए एक आरटीआई दाखिल की। कोठारी ने बोला कि इस मुद्दे में सरकारी सर्कुलर जारी किया गया है लेकिन इसका कठोरता से पालन नहीं किया जाता है। दिसंबर 2022 में ई रक्तकोष पोर्टल पर दैनिक स्टॉक ग्यारह बार अपडेट नहीं किया गया। उसके बाद जनवरी 2023 में 22 बार, फरवरी में सात बार, मार्च में 27 बार और अप्रैल में 30 बार रक्त स्टॉक विवरण अपडेट नहीं किया गया। इस जानकारी से पता चलता है कि ब्लड बैंक सरकारी परिपत्रों को गंभीरता से नहीं लेते हैं।
अक्सर रोगियों के परिजनों को यह पता नहीं होता कि ब्लड बैंक में कितना खून मौजूद है। इस मुद्दे को ध्यान में रखते हुए, गवर्नमेंट ने ई-ब्लडबैंक वेबसाइट बनाई है जिसमें प्रत्येक ब्लड बैंक को दैनिक आधार पर उनके पास होने वाली रक्त आपूर्ति का विवरण बताना होगा। इस अभ्यास का उद्देश्य यह है कि जब किसी रोगी को रक्त की जरूरत होती है और वह रक्त बैंक या हॉस्पिटल में मौजूद नहीं होता है, तो रोगी खोज कर पता लगा सकते हैं कि रक्त कहां मौजूद है और रक्त की आपूर्ति प्राप्त करने के लिए वहां जा सकते हैं।
राज्य रक्त आधान परिषद-एसबीटीसी-यह सुनिश्चित करके रक्त बैंकों के प्रबंधन की नज़र करती है कि राज्य के सभी निजी और सरकारी रक्त बैंक दैनिक आधार पर अपने रक्त सूची विवरण को अपडेट करते हैं। यदि कोई ब्लड बैंक अपने रक्त की मात्रा का ब्योरा नहीं देता है तो उस पर रोजाना एक हजार रुपये जुर्माना लगाने का प्रावधान है। एसबीटीसी के निदेशक डॉ। महेंद्र केंद्र ने बोला कि सभी ब्लड बैंकों को रोजाना अपने पास उपस्थित रक्त की मात्रा का विवरण अपलोड करना जरूरी है और इस नियम का उल्लंघन करने वाले किसी भी ब्लड बैंक को दंडित किया जाता है।
इस संबंध में गवर्नमेंट ने दिसंबर 2022 में एक और सर्कुलर जारी किया कि रोगी नेशनल ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल-एनबीटीसी द्वारा निर्धारित रक्त प्रसंस्करण शुल्क का भुगतान करके जरूरी रक्त प्राप्त कर सकता है। यदि कोई ब्लड बैंक निर्धारित शुल्क से अधिक शुल्क लेता है तो अतिरिक्त शुल्क की राशि का पांच गुना जुर्माना लगाया जाएगा। लेकिन यदि ब्लड बैंकों द्वारा रक्त आपूर्ति विवरण दैनिक आधार पर अपडेट नहीं किया जाता है, तो मरीजों की स्थिति गंभीर हो जाती है और उन्हें जरूरी रक्त आपूर्ति प्राप्त करने के लिए ब्लड बैंकों पर निर्भर रहना पड़ता है। जिसमें प्राइवेट ब्लड बैंक अक्सर रोगियों से अत्यधिक प्रोसेसिंग फीस वसूलते हैं।