राष्ट्रीय

एक देश, एक चुनाव कराने को लेकर गठित उच्च स्तरीय समिति ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौपी रिपोर्ट

नयी दिल्ली : एक देश, एक चुनाव कराने को लेकर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में गठित उच्च स्तरीय समिति ने गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को रिपोर्ट सौंप दिया है रिपोर्ट में बोला गया है कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होने चाहिए और फिर 100 दिनों के बाद सभी क्षेत्रीय निकायों का चुनाव कराया जा सकता है आजादी के बाद कुछ समय तक राष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होते रहे, लेकिन बाद में विभिन्न कारणों से लोकसभा और विधानसभा चुनाव भिन्न-भिन्न होने लगे रिपोर्ट तैयार करने में 191 दिन लगे और इस दौरान सियासी दलों, न्यायाधीशों, अर्थशास्त्रियों और समाज के विभिन्न प्रबुद्ध लोगों से विचार किया गया रिपोर्ट में बोला गया है कि एक देश, एक चुनाव के लिए आम लोगों से भी राय ली गयी और 80 प्रतिशत लोग इसके पक्ष में दिखे एक साथ चुनाव कराने के लिए विभिन्न राष्ट्रों के मॉडल का शोध भी किया गया रिपोर्ट में सभी चुनाव के लिए एकल मतदाता सूची बनाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 325 में परिवर्तन की सिफारिश की गयी है

One Nation One Election : एक देश, एक चुनाव के लिए संविधान में करना होगा संशोधन

कोविंद समिति की रिपोर्ट में बोला गया है कि एक देश, एक चुनाव के लिए संविधान में कुछ संशोधन करने होंगे रिपोर्ट में बोला गया है कि संविधान के अनुच्छेद 82 (क) के अनुसार राष्ट्रपति लोकसभा चुनाव के बाद पहली बैठक में इसके प्रावधान को लागू कर सकते हैं इसी तारीख को अगले चुनाव के लिए पैमाना माना जायेगा इसके अतिरिक्त संविधान के अनुच्छेद 83 और 172 में लिखित किसी तरह के उल्लेख के बावजूद लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद गठित विधानसभा के कार्यकाल को खत्म माना जायेगा रिपोर्ट में संविधान के अनुच्छेद 324 में संशोधन करने की सिफारिश की गयी है लोकसभा-विधानसभा चुनाव का चुनाव पांच वर्ष के लिए एक बार होगा लेकिन यदि किसी कारणवश कोई सदन पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने से पहले भंग हो गया तो मध्यावधि चुनाव केवल बचे हुए कार्यकाल के लिए होगा ताकि लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ संपन्न हो सके कानूनी जानकारों को संभावना है कि यदि ऐसा करने में चुनाव आयोग असफल रहता है तो पांच अनुच्छेदों में संशोधन करना होगा संविधान के अनुच्छेद 83 (संसद का कार्यकाल), अनुच्छेद 85 (राष्ट्रपति द्वारा लोकसभा का विघटन), अनुच्छेद 172 (राज्य विधानमंडलों का कार्यकाल), और अनुच्छेद 174 (राज्य विधानमंडलों का विघटन) के साथ ही अनुच्छेद 356 (राष्ट्रपति शासन) में संशोधन करने की सिफारिश की गयी है

One Nation One Election : क्या होगा फायदा

रिपोर्ट में बोला गया है कि बार-बार चुनाव होने से सरकारी कामकाज प्रभावित होता है साथ ही बार-बार चुनाव कराने से काफी पैसे और संसाधन खर्च होते हैं ऐसे में एक साथ चुनाव कराने से शासन को बेहतर ढंग से चलाने में सहायता मिलेगी चुनाव आयोग ने एक साथ चुनाव कराने के लिए लगने वाले लॉजिस्टिक और खर्च का ब्यौरा पेश कर दिया है गवर्नमेंट आयोग के सुझावों पर अमल कर इसे लागू करने की दिशा में कदम बढ़ा सकती है रिपोर्ट में बोला गया है कि भारतीय मतदाता काफी सतर्क हो गये हैं और वे मुद्दों के आधार पर लोकसभा और विधानसभा में मतदान करते हैं

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