सौतेले भाइयों के बीच चल रहे जमीनी विवाद ने खूनी रुख कर लिया अख्तियार
सालों से देश-दुनिया में चली आ रही जमीन की लड़ाई का अंत बुरा ही देखने को मिलता है। जमीन के थोड़े से टुकड़े के लिए खून के रिश्तों में दरार आ जाती है। लोग अपनों के खून के प्यासे हो जाते हैं। ऐसा ही एक मुद्दा बिहार के समस्तीपुर जिले से सामने आया है, जिसमें सौतेले भाइयों के बीच चल रहे जमीनी टकराव ने खूनी रुख अख्तियार कर लिया। शख्स ने सौतेले भाई के पुत्र की गोली मारकर मर्डर कर दी गई। यह सनसनीखेज मुद्दा समस्तीपुर जिले के उजियारपुर थाना क्षेत्र का है। पूरे मुद्दे में घटना पुलिस के सामने होने की बात कही जा रही है, जिसके बाद पुलिस की कार्यशैली पर प्रश्न उठने लगे हैं। परिजनों ने इल्जाम लगाया है कि पुलिस के सामने ही पथराव और गोलीबारी की घटना हुई और पुलिस मूकदर्शक बनी रही।
घटना के संदर्भ में परिजनों का बोलना है कि गोली मारने की घटना उजियारपुर पुलिस के सामने हुई है। घटना के बाद पुलिस और परिजनों के द्वारा इलाज के लिए सरायरंजन के रास्ते उजियारपुर पीएचसी ले गया, जहां डॉक्टरों ने गोली लगने से घायल हुए पुरुष को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने मृतशरीर को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर हॉस्पिटल ले गए। सदर हॉस्पिटल में देर रात तक पोस्टमार्टम नहीं होने के कारण परिजनों ने जमकर हंगामा काटा।
पुलिस के सामने हुई पूरी घटना
घटना के संबंध में कहा गया कि दलसिंह सराय थाना क्षेत्र के मुख्तियारपुर मनिका का वार्ड नंबर एक निवासी धनेश्वर प्रसाद महतो के पुत्र सोनू कुमार को धनेश्वर के सौतेला भाई विनोद महतो, मिथिलेश महतो और महेश महतो के द्वारा सड़क से उठाकर अपने घर ले गया। जिसकी सूचना परिजनों ने पुलिस को दी तो उजियारपुर पुलिस मौके पर पहुंची। वहीं दोनों तरफ से पत्थरबाजी प्रारम्भ हो गई। इसी दौरान एक पक्ष के द्वारा फायरिंग की गई, जिसमें पुलिस की मौजूदगी में सोनू को गोली लग गई, जिससे उसकी मृत्यु हो गई।
घटना के बाद पुलिस ने साधी चुप्पी
घटना के बाद पुलिस मुद्दे की जांच में जुट गई है। वहीं इस मुद्दे से जुड़े सभी आरोपी फरार बताए जा रहे हैं। पूरे मुद्दे में उजियारपुर पुलिस के द्वारा कुछ भी बोलने से परहेज किया जा रहा है। मृतशरीर के साथ आए पुलिस पदाधिकारियों ने घटना के बारे में कुछ भी जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया।