राष्ट्रीय

मलबे को काटकर निकासी मार्ग से श्रमिकों को निकालने का रुका हुआ अभियान फिर से शुरू

बचाव अभियान के दसवें दिन मंगलवार को सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों के सकुशल होने का पहला वीडियो सामने आया जिसने उनके परिवारों की आशा के साथ ही बचावकर्मियों का आत्मशक्ति भी बढ़ा दिया

अधिकारियों ने बोला कि उन्होंने मलबे को काटकर निकासी मार्ग से मजदूरों को निकालने का रुका हुआ अभियान फिर से प्रारम्भ कर दिया है सुरंग में फंसे मजदूरों को पाइप के माध्यम से रात के खाने के लिए शाकाहारी पुलाव, मटर-पनीर और मक्खन के साथ चपाती भेजी गई
रसोइया संजीत राणा ने कहा कि चिकित्सक की देखरेख में कम ऑयल और मसालों के साथ तैयार किए गए रात्रिभोज की आपूर्ति मजदूरों को 150 पैकेट में की गई

उन्होंने कहा, ‘‘दिन में उन्हें फल भेजे गए थे’’
अधिकारियों ने बोला कि इससे पहले, सुरंग के अंदर फंसे मजदूरों को छह इंच चौड़े पाइप के माध्यम से सेब, संतरे, मौसमी और केले जैसे फल और इलेक्ट्रॉल जैसी जरूरी दवाइयां पहुंचाईं गईं

दिल्ली में, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा शाम को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बोला गया कि राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम (एनएचआईडीसीएल) ने सिल्क्यारा की तरफ से क्षैतिज बोरिंग अभियान फिर से प्रारम्भ कर दिया है

बचावकर्मियों ने चार धाम मार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग के बाड़कोट-छोर पर भी दो विस्फोट किए, जिससे नौ दिन से अंदर फंसे मजदूरों को निकालने के लिए एक और सुरंग को ड्रिल करने की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई

उत्तरकाशी जिले में चारधाम यात्रा मार्ग पर निर्माणाधीन साढ़े चार किलोमीटर लंबी सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिससे उसमें मलबे के दूसरी ओर मजदूर फंस गए

मलबे में छेद करने वाली अमेरिका निर्मित एक बड़ी मशीन ने शुक्रवार दोपहर को एक सख्त चट्टान तो भेद दी लेकिन कंपन प्रारम्भ हो जाने से सुरक्षा चिंताओं के कारण बचावकर्मियों को अभियान रोकना पड़ा
हालांकि, बचावकर्मी अन्य विकल्पों की तैयारी करते रहे, जिसमें मजदूरों तक पहुंचने के लिए सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग भी शामिल है

हालांकि मंगलवार को, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) सैयद अता हसनैन और सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव अनुराग जैन ने दिल्ली में संवाददाताओं से बोला कि ध्यान फिर से क्षैतिज ड्रिलिंग पर है

जैन ने बोला कि सिल्क्यारा में सुबह काम प्रारम्भ हुआ और यदि सबकुछ ठीक रहा तो यह दो या ढाई दिन में समाप्त हो जाना चाहिए
अधिकारियों ने कहा कि मलबे में डाली गई छह इंच की पाइपलाइन के जरिए मजदूरों तक एंडोस्कोपिक फ्लैक्सी कैमरा भेजा गया जिससे तड़के मिले वीडियो से उनके सकुशल होने का पता चला यह कैमरा सोमवार देर शाम दिल्ली से सिलक्यारा लाया गया था

वीडियो में पीले और सफेद रंग के हेलमेट पहने मजदूर पाइपलाइन के माध्यम से भेजा गया भोजन प्राप्त करते हुए और एक-दूसरे से बात करते हुए दिखाई देते हैं
एक स्क्रीन पर मजदूरों को देख रहे ऑफिसरों को उन्हें निर्देश देते सुना जा सकता है अधिकारी उन्हें लेंस साफ करने और उन्हें कैमरे पर देखने को कह रहे हैं

अधिकारी उनसे पाइपलाइन के मुंह के पास आने तथा वॉकी-टॉकी का प्रयोग करने के लिए भी कह रहे थे
हालांकि, बचावकर्मियों को पहली सफलता सोमवार को मिली जब उन्होंने मलबे के आरपार 53 मीटर लंबी छह इंच की पाइपलाइन डाल दी

एनएचआइडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खाल्को ने संवाददाताओं को कहा कि मंगलवार को मजदूरों को संतरे, केला, मौसमी, दवाइयां और नमक भेजा गया
छह इंच की लाइफ लाइन डाले जाने से पहले मजदूरों को खाना, पानी, दवाइयों और ऑक्सीजन की आपूर्ति चार इंच के पाइप से की जा रही थी और उनके सम्बन्धी तथा बचावकर्मी उनसे इसी पाइप से वार्ता कर रहे थे

इस चौड़ी पाइपलाइन से संचार के बेहतर होने के साथ खाद्य सामग्री भी बड़ी मात्रा में भेजी जा सकती है
सुरंग में फंसे मजदूरों में शामिल अपने सम्बन्धी प्रदीप किस्कू की कुशलक्षेम जानने के लिए बिहार के बांका से सिलक्यारा पहुंचीं सुनीता हेम्ब्रम ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैंने उनसे सुबह बात की वह ठीक हैं’’

उन्होंने बोला कि नए पाइप के जरिए मजदूरों से वार्ता में सरलता हुई है उन्होंने कहा, ‘‘नए पाइप के जरिए उन्हें संतरे की आपूर्ति की गई है उन तक खिचड़ी पहुंचाने का भी कोशिश चल रहा है वह ठीक हैं’’ उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले हमें उन्हें अपनी आवाज सुनाने के लिए चिल्लाना पड़ता था लेकिन आज उनकी आवाज साफ थी’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को लगातार दूसरे दिन सीएम पुष्कर सिंह धामी को टेलीफोन कर निर्माणाधीन सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए चलाए जा रहे बचाव एवं राहत कार्यों की जानकारी ली

दिल्ली में एनडीएमए सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) हसनैन ने बोला कि मजदूरों को बचाने के लिए पांच मोर्चों पर एक साथ कोशिश किए जा रहे हैं उन्होंने बोला कि ‘‘क्षैतिज ड्रिल करने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है’’ क्योंकि चट्टान की संरचना लम्बवत ‘ड्रिल’ करने में चुनौती पेश कर रही है

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन ने बोला कि मौजूदा परिस्थितियों में ‘‘क्षैतिज ‘ड्रिल’ करना दूसरा सर्वश्रेष्ठ विकल्प है’’
धामी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट में कहा, ‘‘प्रधानमंत्री जी को मजदूर बंधुओं से एंडोस्कोपिक फलैक्सी कैमरे की सहायता से हुई वार्ता एवं उनकी कुशलता की भी जानकारी दी’’

उन्होंने बोला कि पीएम ने यह भी बोला है कि सभी मजदूर भाइयों को सुरक्षित निकालना सर्वोच्च अहमियत है दीवाली वाले दिन हुए सुरंग हादसे के बाद से पीएम ने चौथी बार सीएम से बात की है

अमेरिकी ऑगर मशीन के शुक्रवार दोपहर को ड्रिलिंग के दौरान सख्त सतह से टकराने के कारण ‘एस्केप पैसेज’ बनाने में आई अड़चन के बाद ऑफिसरों ने इसका संचालन दोबारा प्रारम्भ करने सहित पांच विकल्पों पर एक साथ काम करने का निर्णय किया

इन विकल्पों में सुरंग के बड़कोट छोर से ड्रिलिंग, सुरंग के उपर से 80 मीटर ‘वर्टिकल ड्रिलिंग’ तथा सुरंग के बाएं और दाएं से ड्रिलिंग शामिल है
सिल्क्यारा में, एनएचआईडीसीएल के व्यवस्था निदेशक महमूद अहमद ने कहा कि सुरंग में तेजी से बचाव अभियान चलाया जा रहा है

काम रुकने से पहले यह मशीन मलबे में ड्रिलिंग कर 22 मीटर पाइप डाल चुकी थी मशीन से हो रहे कंपन को रोकने के लिए अब 900 मिमी व्यास के जगह पर 800 मिमी व्यास के पाइपों का इस्तेमाल किया जा रहा है
उन्होंने बोला कि 22-मीटर बिंदु से 45-मीटर के निशान तक प्रगति सबसे जरूरी होगी

महमूद ने बोला कि यदि ड्रिलिंग सुचारू रूप से चलती है, तो इसमें 30 से 40 घंटे लगेंगे
भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के एक पूर्व अधिकारी ने बोला कि उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए क्षैतिज ‘ड्रिल’ करना सुरक्षित होगा

जीएसआई के अतिरिक्त महानिदेशक पद से सेवानिवृत्त हुए त्रिभुवन सिंह पांगती ने ‘पीटीआई-भाषा’ से बोला कि यदि निर्माण कंपनी ने क्षेत्र की चट्टानी संरचना का शोध करने के लिए पहले एक ‘पायलट’ सुरंग बनाई होती और एक उपयुक्त योगदान प्रणाली स्थापित की होती तो आपदा को टाला जा सकता था

इस बीच, विभिन्न स्थानों पर ड्रिलिंग प्रारम्भ करने के लिए भारी मशीन मौके पर पहुंचा दी गई हैं सुरंग के ऊपर से ड्रिलिंग के लिए 75 टन वजनी मशीन पहुंचाने के लिए सड़क भी बना दी गई है

 



Related Articles

Back to top button