पीएम मोदी के इस करीबी मित्र का हुआ निधन, जेपी नड्डा ने जताया दुख
पीएम मोदी के करीबी नेताओं में शुमार सुनील भाई ओझा का बुधवार को मृत्यु हो गया। तबीयत बिगड़ने के बाद ओझा को गुरुग्राम के मेदांता हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। यहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। सुनील ओझा काशी क्षेत्र के पूर्व संयोजक रहे थे। वहीं, बीजेपी ने उन्हें वर्तमान में बीजेपी के बिहार प्रभारी की जिम्मेदारी दे रखी थी।
पीएम मोदी के करीबी
सुनील ओझा उन बहुत कम नेताओं की लिस्ट में थे जिन्हें प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलने का सीधा एक्सेस था। वह काशी क्षेत्र के पूर्व संयोजक भी रह चुके थे। साल 2014 में जब प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने वाराणसी से चुनाव लड़ने की घोषणा की थी, तब सुनील ओझा चुनाव की रणनीति बनाने के लिए गुजरात से काशी पहुंचे थे। इसके बाद वह काशी में ही रह गए। वाराणसी-मिर्जापुर के बार्डर के गढ़ौली धाम को लेकर भी ओझा चर्चा में आए थे।
दो बार के विधायक थे
सुनील ओझा गुजरात की 10वीं और 11वीं विधानसभा में भावनगर दक्षिण सीट से दो बार के विधायक थे। एक समय भावनगर कांग्रेस पार्टी का बड़ा गढ़ था। हालांकि, इस गढ़ को जीत करने का श्रेय सुनील ओझा को ही जाता है जो कि आज तक कायम है। वह करीब 20 वर्षों से प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ थे। इस कारण पीएम को उन पर काफी भरोसा था।
जेपी नड्डा ने जताया दुख
सुनील ओझा के मृत्यु पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दुख जताया है। उन्होंने लिखा- “भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता, बिहार बीजेपी के सह-प्रभारी सुनील ओझा जी का असामयिक मृत्यु अत्यंत दुःखद है। ओझा जी का संपूर्ण जीवन जनसेवा और संगठन को समर्पित रहा। उनका जाना बीजेपी परिवार के लिए अपूरणीय क्षति है।मैं शोकाकुल परिजनों के प्रति गहन संवेदना प्रकट करता हूँ और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ।”