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पेट के लिए रामबाण है ये फालसा, खेती करने वाले किसानों को योगी सरकार दे रही अनुदान

पेट के लिए रामबाण फालसा फल की खेती को गवर्नमेंट प्रोत्साहित करने जा रही है गवर्नमेंट फालसा की खेती करने वाले किसानों को आर्थिक सहायता देगी प्रदेश की योगी गवर्नमेंट लगातार किसानों को परंपरागत खेती से हटकर अलग खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है गवर्नमेंट के द्वारा स्ट्राबेरी और ड्रैगन फ्रूट के बाद फालसा फल की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करेगी गवर्नमेंट के द्वारा इसके लिए किसानों को आर्थिक सहायता दिया जा रहा है मिर्जापुर जिले में 5 किसानों का चयन किया गया है, जो फालसा की खेती करेंगे उद्यान विभाग ने इन किसानों का चयन किया है इन किसानों को एक हेक्टेयर पर 18 हजार रुपये का आर्थिक सहायता भी दिया जाएगा

फालसा फल की खेती के लिए गवर्नमेंट के द्वारा बड़ा कदम उठाया गया है मिर्जापुर जिले में उद्यान विभाग ने 5 किसानों का चयन किया है इनको गवर्नमेंट की तरफ से आर्थिक सहायता दिया जाएगा फालसा फल शुष्क जलवायु में बहुत अधिक उपजाऊ होता है गर्मी में यह फल लेता हैएक हेक्टेयर में 30 से 40 हजार रुपये की लागत आती है

यह पौधा बहुवर्षीय होता है और 8 सालों से अधिक चलता है किसानों को फल के अतिरिक्त टहनियों का इस्तेमाल किया जाता है इसकी टहनी से डलिया बनाया जाता है गवर्नमेंट किसानों को एक हेक्टेयर पर 18 हजार रुपये का आर्थिक सहायता दे रही है फालसा की खेती के लिए पांच किसान जवाहिर लाल, दिनेश कुमार मौर्या, बबलू मौर्या, बाबूलाल और सोमारी देवी का चयन किया गया है चयनित किसान शाहपुर चौसा और बरकछा खुर्द गांव के रहने वाले है

किसान ने ये कहा:
किसान दिनेश मौर्य ने कहा कि वो साढ़े तीन बीघा खेत में फालसा की खेती कर रहे है फालसा की खेती में प्रति बीघा डेढ़ लाख का सही फायदा होता है हम लोग प्रयागराज और वाराणसी जिले में इसे ले जाकर बेचते है गर्मी में इसकी डिमांड अधिक रहती है अप्रैल महीने से फालसा बाजार में मौजूद हो जाता है

स्वास्थ्य के लिए होता है फायदेमंद:
जिला उद्यान अधिकारी मेवाराम ने कहा कि फालसा स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभ वाला फल है इस फल में सारे विटामिंस पाए जाते है इसके साथ ही यह फल शरीर को काफी शीतलता भी देता है इसकी तासीर ठंडी होती है गर्मी के दिनों में इसका शर्बत बनाकर लोग पीते है वहीं, पेट के लिए भी फालसा का फल बहुत लाभ वाला होता है किसानों को लाभ अधिक हो और उन्हें परंपरागत खेती न करना पड़े, इसलिये गवर्नमेंट किसानों को प्रोत्साहित कर रही है

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