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प्रदेश में निकायों द्वारा इतने प्रतिशत कचरे का किया जा रहा है प्रसंस्करण

Madhya Pradesh Solid Waste Management: मध्य प्रदेश में बीजेपी की मोहन यादव गवर्नमेंट लगातार राज्य की जनता के लिए हितकारी काम कर रही है इसके अनुसार नगरीय प्रशासन विभाग की तरफ से प्रदेश के शहरों के स्वच्छ पर्यावरण पर खास ध्यान रखा जा रहा है इसके लिए क्षेत्रीय निकायों के जरिए सोलिड वेस्ट मेनेजमेंट के काम को बेहतर ढंग से किया जा रहा है नगरीय निकायों में कचरा संग्रहण, प्रोसेस, परिवहन और इससे निपटने के लिए मुनासिब सुविधाओं के विकास के लिए क्षेत्रीय निकायों को जनसंख्या के आधार पर आर्थिक सहायता राशि दी जा रही है

पिछले वर्ष 7 हजार टन कचरे को प्रोसेस

रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2023 में राज्य के 413 नगरीय निकायों में 7 हजार टन कचरे का उत्सर्जन किया गया था जिसमें से निकायों द्वारा 6.63 हजार टन कचरे का निपटान लिगल प्रोसेसिंग से हुआ था, जो यहां से उत्पन्न होने वाले कचरे का 98 फीसदी होता है प्रदेश में इस समय वेस्ट मैनेजमेंट के लिए 2 प्रक्रिया पर कार्य जा रहा है पहली प्रक्रिया क्लस्टर आधारित परियोजना का इम्प्लीमेंटेशन है इसमें केंद्रीय निकाय में इर्द-गिर्द के निकायों से कचरा लाकर प्रोसेस किया जा रहा है प्रदेश में अभी इस तरह के 5 क्लस्टर में 60 नगरीय निकायों को शामिल किया गया है

प्रदेश में ऐसे होता है कचरे को प्रोसेस

प्रदेश में अभी इस तरह के 5 क्लस्टर में 60 नगरीय निकायों को शामिल किया गया है ये क्लस्टर्स प्रदेश के सागर, रीवा, जबलपुर, सिंगरौली और कटनी में हैं सागर, कटनी और सिंगरौली के क्लस्टर में गीले कचरे से खाद बनाया जा रहा है वहीं रीवा और जबलपुर में रोजाना संग्रहित होने वाले कचरे से बिजली पैदा की जाती है इसके अतिरिक्त 401 नगरीय निकायों में 368 सेंट्रलाइज यूनिट भी हैं, जहां पर गीले कचरे को कम्पोस्टिंग जरिए से प्रोसेस करके खाद बनाया जाता है इसके साथ ही 360 मटेरियल रिकवरी, फैसिलिटी यूनिट भी स्थापित की गई है

 

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