UP की ये सीट बनी बीजेपी से बगावत की वजह
Pawan Singh Karakat Lok Sabha Seat: भोजपुरी सिंगर और अभिनेता से नेता बने पवन सिंह आनें वाले लोकसभा चुनाव का हिस्सा बन चुके हैं. पवन सिंह ने बिहार के काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का घोषणा करके सभी को दंग कर दिया है. भाजपा ने आसनसोल से पवन सिंह का पत्ता साफ कर दिया तो पवन सिंह बीजेपी के ही सहयोगी उपेंद्र सिंह कुशवाहा को भिड़न्त देने के लिए काराकाट से चुनावी मैदान में उतर गए.
आरा नहीं बनी वजह
काराकाट से चुनाव लड़ने का घोषणा करने के बाद से ही सत्ता के गलियारों में पवन सिंह की चर्चा है. ऐसे में प्रश्न ये है कि पवन सिंह के भाजपा से बगावत की आखिर क्या वजह है? कुछ लोगों का बोलना है कि आसनसोल से भाजपा ने पवन सिंह की स्थान एस।एस।अहलुवालिया को टिकट दे दिया, जिसके कारण पवन सिंह बगावत पर उतर आए हैं. वहीं कई सियासी विश्लेषकों का मानना है कि पवन सिंह बिहार के आरा से चुनाव लड़ने का स्वप्न देख रहे थे, जो पूरा ना होने पर उन्होंने काराकाट का रुख कर लिया. मगर अब सच्चाई कुछ और ही निकलकर सामने आ रही है.
यूपी की सीट पर थी पवन सिंह की नजर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक भाजपा से पवन सिंह की बगावत की वजह पश्चिम बंगाल की आसनसोल या बिहार की आरा सीट नहीं है बल्कि पवन सिंह यूपी के बलिया से चुनाव लड़ना चाहते थे. पवन सिंह की नजर काफी समय से बलिया पर थी और यही वजह है कि उन्होंने आसनसोल से अपना टिकट वापस कर दिया था. उन्हें आशा थी बीजेपी बलिया से पवन सिंह को चुनावी मैदान में उतारेगी. हालांकि ऐसा नहीं हो सका.
बीजेपी ने काटा पवन सिंह का टिकट
10 मार्च को बीजेपी ने अपनी 10वीं सूची जारी की, जिसमें बलिया से पूर्व पीएम चंद्रशेखर के बेटे नीरज शेखर को प्रत्याशी बना दिया और आसनसोल से एस।एस।अहलुवालिया को उम्मीदवार घोषित करके बीजेपी ने बंगाल से भी पवन सिंह का पत्ता साफ कर दिया. उसी के अगले दिन पवन सिंह ने बिहार के काराकाट से निर्दलीय चुनाव लड़ने का घोषणा कर दिया.
पवन सिंह ने मारी थी पलटी
बता दें कि लोकसभा चुनाव की तारीख आने से पहले ही बीजेपी ने पवन सिंह को पश्चिम बंगाल के आसनसोल से टिकट दिया था. मगर अगले दिन पवन सिंह ने चुनाव ना लड़ने का निर्णय कर लिया. कुछ समय बाद पवन सिंह ने पलटी मारी और फिर से चुनावी मैदान में उतरने की घोषणा कर दी. लेकिन 10वीं सूची जारी करते हुए भाजपा ने ही पवन सिंह का टिकट काट दिया.