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आज पीएम मोदी के विजन से डिजिटल इंडिया तोड़ रही सारे रिकॉर्ड

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदृष्टि नीतियों का कमाल है कि आज हिंदुस्तान की यूपीआई और डिजिटल ट्रांजेक्शन की कामयाबी से दुनिया दंग है प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की सोच ने साबित कर दिया कि यदि दृढ़ इच्छाशक्ति हो तो कुछ भी नामुमकिन नहीं है प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब UPI को अगस्त 2016 में लॉन्च किया था तब भी उनके मन में इसकी कामयाबी को लेकर कोई शक नहीं था, लेकिन उस समय राष्ट्र के समूचे विपक्ष ने इसका मखौल उड़ाया था यहां तक कि यूपीआई गवर्नमेंट में वित्त मंत्री रह चुके कांग्रेस पार्टी के नेता पी चिदंबरम ने तो संसद में डिजिटल पेमेंट का मजाक उड़ाया था

लेकिन विपक्ष के सारे इल्जाम और शक धरे के धरे रह गए और आज प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के विजन से डिजिटल इण्डिया सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के मुताबिक, अगस्त 2023 में तो यूपीआई ट्रांजेक्‍शन ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है अगस्‍त में कुल 10.24 अरब यूपीआई लेन-देन हुए इन लेनदेन का मूल्य 15.76 लाख करोड़ रुपये रहा

इस वर्ष रिकॉर्ड तोड़ यूपीआई ट्रांजेक्‍शन
इस वर्ष यूपीआई ट्रांजेक्‍शन एक के बाद एक नया कीर्तिमान स्थापित कर रहा है आलम ये है कि अगस्त 2023 में तो यूपीआई ट्रांजेक्‍शन में एक नया रिकॉर्ड बन गया अगस्‍त में कुल 10.24 अरब यूपीआई लेन-देन हुए एक अनुमान के अनुसार, हिंदुस्तान में अब 57 प्रतिशत ट्रांजेक्शन यूपीआई के जरिए किया जाता है एनसीपीआई के आंकड़ों के मुताबिक, 30 अगस्त को यूपीआई लेनदेन का आंकड़ा 10.24 अरब हो गया इन लेनदेन का मूल्य 15.76 लाख करोड़ रुपये रहा यूपीआई का इस्तेमाल मोबाइल टेलीफोन के जरिए पैसे के तुरन्त लेनदेन के लिए किया जाता है सालाना आधार पर ट्रांजेक्शन में 61 फीसदी और ट्रांजेक्शन अमाउंट के मुद्दे में यह 47 फीसदी वृद्धि है

भारत में दो सालों में UPI लेनदेन तीन गुना बढ़ा
जुलाई 2023 में यूपीआई लेनदेन का आंकड़ा 9.96 अरब था वहीं जून में 9.33 अरब यूपीआई ट्रांजेक्‍शन हुए पिछले दो वर्षों में यूपीआई का प्रचलन तेजी से बढ़ा है अगस्त 2021 में यूपीआई के जरिए लेनदेन का आंकड़ा साढ़े तीन अरब था जो दो सालों में लगभग तीन गुना बढ़ चुका है

जनवरी 23 – 8,038.59 (आंकड़े मिलियन में)
फरवरी 23 – 7,534.76
मार्च 23 – 8,651.63
अप्रैल 23 – 8,863.26
मई 23 – 9,415.19
जून 23 – 9,335.06
जुलाई 23 – 9,964.26
अगस्त 23 – 10,241.7 (10.24 बिलियन)

क्‍यूआर कोड ने दिया अहम योगदान
क्यूआर कोड के आ जाने के बाद यूपीआई ट्रांजेक्शन में और भी अधिक तेजी से बढ़ोत्तरी हुआ एक रिपोर्ट के अनुसार यूपीआई के 330 लाख से भी अधिक यूनिक यूजर्स हैं और लगभग 70 लाख दुकानदारों ने 356 लाख क्यूआर कोड लगाए हैं

भारत का डिजिटल पेमेंट्स बाजार 2026 तक 10 ट्रिलियन डॉलर
यह कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि हिंदुस्तान दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते फिनटेक राष्ट्रों में से एक है, जो मुख्य रूप से डिजिटल पेमेंट्स सेगमेंट में प्रगति से प्रेरित है एक हालिया रिपोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है कि हिंदुस्तान का डिजिटल पेमेंट्स बाजार 2026 तक 3 ट्रिलियन $ से 10 ट्रिलियन $ तक यानी तिगुने से अधिक हो जाएगा

डिजिटल पेमेंट में आई क्रांति से अर्थव्यवस्था में तेजी
आज हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था दुनिया में सबसे तेजी से आगे बढ़ रही है इसके लिए राष्ट्र में डिजिटल पेमेंट क्रांति को भी एक बड़ी वजह कहा जा रहा है IMF जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्था भी हिंदुस्तान की डिजिटल क्रांति की आज प्रशंसा कर रही है हालांकि नोटबंदी के बाद डिजिटल भुगतान की धीमी आरंभ हुई थी, लेकिन मोदी गवर्नमेंट ने लोगों को प्रेरित करने के लिए कई कोशिश किए गवर्नमेंट का कोशिश भी सफल रहा और लोगों ने डिजिटल पेमेंट अपनाना प्रारम्भ किया इसका रिज़ल्ट है कि आज लोगों के लिए ये पेमेंट का पसंदीदा तरीका बन चुका है नए-नए परिवर्तन और सुविधाएं इससे जुड़ने से डिजिटल पेमेंट का और विस्तार हुआ

यूपीआई पर फिदा हुआ वर्ल्ड बैंक
विश्व बैंक के डॉक्यूमेंट्स के अनुसार, पिछले वित्त साल में हिंदुस्तान की नॉमिनल जीडीपी का लगभग 50% के बराबर मूल्य का यूपीआई ट्रांजेक्शन हुआ है डिजिटल पेमेंट इन्फ्रास्ट्राक्चर ने नए ग्राहक पर बैंकों का खर्च लगभग समाप्त कर दिया है इसमें बोला गया है कि डीपीआई के इस्तेमाल से हिंदुस्तान में बैंक ग्राहकों को शामिल करने की लागत 23 $ (करीब 1,900 रुपये) से घटकर 0.1 $ (करीब 8 रुपये) हो गई है रिपोर्ट में बोला गया, ‘यूपीआई को बड़े पैमाने पर अपनाया गया है, जिसे यूजर अनुकूल इंटरफेस, ओपन बैंकिंग सुविधाओं और प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी का लाभ मिला है यूपीआई प्लेटफॉर्म ने हिंदुस्तान में जबर्दस्त लोकप्रियता हासिल की है मई 2023 में ही 9.41 अरब लेनदेन हुए, जिनकी मूल्य लगभग 14.89 लाख करोड़ रुपये थी वित्त साल 2022-23 में यूपीआई ट्रांजेक्शन का कुल मूल्य हिंदुस्तान की नॉमिनल जीडीपी का लगभग 50% था

कई राष्ट्रों में हिंदुस्तान की यूपीआई सेवाएं
यूपीआई क्रांति और उसकी कामयाबी का कमाल है कि आज दुनिया के 50 से अधिक राष्ट्रों में हिंदुस्तान की UPI सेवाएं पहुंच चुकी हैं तेज गति भुगतान और सरल इस्तेमाल की वजह से हिंदुस्तान का यूपीआई पूरे विश्व में लोकप्रिय हो रहा है अब सिंगापुर के पे-नाऊ और हिंदुस्तान के यूनीफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) के बीच सीमा पार कनेक्टिविटी लॉन्च हो गई है सिंगापुर के अतिरिक्त यह पेमेंट सिस्टम कई राष्ट्रों में पहुंच चुका है रुपे के माध्यम से पहले से कई राष्ट्रों में हिंदुस्तान की डिजिटल भुगतान सेवा काम कर रही है इनमें भूटान, नेपाल, मलेशिया, ओमान, यूएई, ब्रिटेन जैसे राष्ट्र शामिल हैं इसके साथ ही यूरोप के देशों, फ्रांस एवं अन्य राष्ट्रों के साथ ही 30 अन्य राष्ट्रों में इसकी सेवाओं के लिए वार्ता चल रही है

यूपीआई सेवाओं के लिए मुख्य रूप से इन राष्ट्रों के साथ समझौता हो चुका है या आगे होने वाला है इनमें यूरोप के स्विट्जरलैंड, नीदरलैंड, बेल्जियम, लक्जमबर्ग के अतिरिक्त सिंगापुर, बहरीन, भूटान, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात, मलेशिया, ओमान, फ्रांस और ब्रिटेन हैं

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