यूसीसी को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का बड़ा बयान
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को दो टूक बोला कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) बीजेपी के एजेंडे में शामिल है क्योंकि पार्टी का मानना है कि एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में सभी लोगों के लिए एक समाना कानून होने चाहिए। राइजिंग हिंदुस्तान समिट’ के एक सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने यूसीसी के कार्यान्वयन के बारे में पूछे जाने पर बोला कि यह लंबे समय से चला आ रहा मामला है जिसे पार्टी छोड़ नहीं सकती।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “यूसीसी 1950 से हमारा मामला है। हमारी पार्टी ने इसके लिए आंदोलन किया है। हम इससे दूर नहीं जा सकते। हमारा मानना है कि एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में सबके लिए एक ही कानून होना चाहिए। यूसीसी राष्ट्र की जनता से बीजेपी का वादा है।”
भाजपा शासित उत्तराखंड ने पिछले महीने यूसीसी के कार्यान्वयन के लिए एक कानून बनाया, ताकि भिन्न-भिन्न आस्था के बावजूद सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, विरासत और संपत्ति के अधिकार जैसे पर्सनल मामलों के लिए समान नियम सुनिश्चित किए जा सकें। अन्य बीजेपी शासित राज्यों में भी इसी तरह के कानून लाए जाने की आशा है।शाह ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) 2019 के बारे में कथित तौर पर भ्रम फैलाने के लिए विपक्षी दलों की निंदा की। केंद्र ने हाल में सीएए के कार्यान्वयन के लिए नियम जारी किए हैं। उन्होंने कहा, “वोट बैंक के लिए विपक्ष भ्रम फैला रहा है कि सीएए राष्ट्र के अल्पसंख्यकों की नागरिकता छीन लेगा। लेकिन सीएए किसी की नागरिकता नहीं छीनेगा, सिर्फ़ पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई और पारसी समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी।”केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा, “इस राष्ट्र के मुसलमानों को डरने की आवश्यकता नहीं है। सीएए नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि नागरिकता देने का कानून है।” चुनावी बॉण्ड से बीजेपी को मुख्य रूप से फायदा होने के दावे को खारिज करते हुए शाह ने बोला कि इसके समाप्त होने के बाद चुनावी वित्तपोषण में काले धन की वापसी की आसार है