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केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने नवां पिंड सरदारां गांव को भारत के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव के सम्मान से नवाजा

अपनी-अपनी पेशेवर जीवन में व्यस्त पांच बहनों ने यहां नवां पिंड सरदारां गांव में अपने दो पैतृक आवास के संरक्षण का बीड़ा उठाया और उनकी मेहनत रंग लायी तथा केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने उनके गांव को हाल में 2023 के लिए हिंदुस्तान के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव के सम्मान से नवाजा
‘संघा बहनों’ के नाम से प्रसिद्ध इन स्त्रियों ने अपने दो पैतृक आवास – ‘कोठी’ और ‘पीपल हवेली’ के संरक्षण में जी-जान लगा दी
अधिकारियों ने कहा कि गुरदासपुर में नवां पिंड सरदारां गांव को पंजाब की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण और प्रचार तथा पर्यटन के जरिए सतत विकास के लिए इस प्रतिष्ठित पुरस्कार के लिए चुना गया
देश के 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश के कुल 750 गांवों ने इस पुरस्कार के लिए आवेदन किया था और इनमें से 35 चयनित गांवों में नवां पिंड सरदारां को भी चुना गया

अधिकारियों ने कहा कि ‘कोठी’ और ‘पीपल हवेली’ करीब 140 वर्ष पहले निर्मित की गयी और कुछ वर्ष पहले उसकी मरम्मत करायी गयी और उसे ‘होमस्टे’ में परिवर्तित कर दिया जहां घरेलू और विदेशी पर्यटक आकर ठहरते हैं
इन इमारतों की देखभाल कर रही पांच बहनों के नाम गुरसिमरन कौर संघा, गुरमीत राय संघा, मनप्रीत कौर संघा, गीता संघा और नूर संघा हैं
उनकी मां सतवंत कौर संघा ने कहा, ‘‘हम यह पुरस्कार पाकर बहुत खुश हैं’’
नवां पिंड सरदारां को 19वीं सदी के अंत में नरैन सिंह ने बसाया था उन्होंने वहां रहने, कृषि उपज, खेती उपकरणों का भंडार करने तथा खेतों में काम करने वाले कर्मचारियों से वार्ता करने के लिए एक ‘हवेली’ बनवायी 1886 में उनके बेटे बेअंत सिंह ने एक मकान बनाया जिसे अब ‘कोठी’ बोला जाता है

गुरसिमरन संघा ने कहा, ‘‘हम अपने गांव से भावनात्मक रूप से जुड़े हुए हैं’’
उनकी मां सतवंत कौर संघा ने बोला कि वह 1982 में अपने पति कैप्टन गुरप्रीत सिंह संघा के मृत्यु के बाद गुरदासपुर में इस गांव में रहने आ गयी थीं
उन्होंने कहा कि उनकी बेटी गुरमीत राय ने करीब 15 वर्ष पहले इस पैतृक आवास की कायाकल्प का सुझाव दिया और इस तरह यह यात्रा प्रारम्भ हुआ गुरमीत जानी-मानी संरक्षण वास्तुकार हैं
संघा परिवार गुरदासपुर जिला प्रशासन के योगदान से न सिर्फ़ ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा दे रहा है बल्कि उसने क्षेत्रीय समुदाय को भी इसमें शामिल किया है और उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रहा है
दिल्ली में रहने वाली गुरसिमरन ने बोला कि वह गांव में बकरी पालन का व्यवसाय करती हैं तथा उन्होंने इसमें क्षेत्रीय युवाओं को भी शामिल किया है

गीता संघा शिल्प उत्पादों के लिए गांव में स्त्री स्वयं-सहायता समूहों के साथ काम करती हैं
गुरमीत ने बोला कि शिल्प उत्पादों के लिए ‘बारी कलेक्टिव’ नामक ब्रांड बनाया गया है
सतवंत कौर ने कहा कि अमेरिका में रहने वाली उनकी बेटी मनप्रीत कौर संघा उनके मकान में होमस्टे की औनलाइन बुकिंग का काम संभालती हैं
पांच बहनों में सबसे छोटी नूर संघा पेशे से वकील हैं और मुंबई में रहती हैं
नवां पिंड सरदारां अमृतसर को कांगड़ा में माता वैष्णो देवी मंदिर, धर्मशाला, डलहौजी और अन्य जरूरी पर्यटक स्थलों से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-54 से पांच किलोमीटर दक्षिण में स्थित है

 



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