उत्तरकाशी सुरंग बचाव: इन राज्यों के रहने वाले हैं फंसे हुए मजदूर
ज्ञात हो कि यह मजदूर सिलक्यारा छोर से अंगार की ओर गया था। जिस सुरंग में वह फंसा था उसका 2340 मीटर हिस्सा पूरा हो चुका है। इस हिस्से में भूस्खलन के बाद पहाड़ का मलबा 200 मीटर की दूरी तक गिरा है। मलबे की लंबाई लगभग 60 मीटर है। यानी मजदूर 260 मीटर ऊपर फंसा हुआ है। इन श्रमिकों के पीछे हटने के लिए दो किलोमीटर का एरिया है। ये लोग 50 फीट चौड़ी और दो किलोमीटर लंबी सड़क पर प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
ऐसे में
बाहर फंसे श्रमिकों को तनाव मुक्त रखने के साथ-साथ स्वयं को भी तनावमुक्त रखने के लिए सिस्टम ने बाहर से कई ढंग अपनाए। समय बिताने और श्रमिकों को व्यस्त रखने के लिए सुरंग के अंदर लूडो, कार्ड और शतरंज भेजे गए। मजदूरों को तनाव मुक्त रखने के लिए योग करने की राय दी गयी। सरकार ने श्रमिकों को टेलीफोन पर भेजा ताकि वे अपने परिवारों से बात कर सकें। शनिवार को श्रमिकों को गेम खेलने के लिए मोबाइल भी भेजे गए, ताकि वे तनाव मुक्त रह सकें।
इन राज्यों के रहने वाले हैं फंसे हुए मजदूर
सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए देशभर में प्रार्थनाएं की जा रही हैं। इस बीच कई लोग जानना चाहते हैं कि ये मजदूर कहां के हैं। यह जानकारी है।
राज्य में कितने मजदूर हैं?
उत्तराखंड 2
हिमाचल प्रदेश 1
उत्तर प्रदेश 8
पश्चिम बंगाल 3
ये मजदूर सुरंग में फंसे हुए हैं
गब्बर सिंह नेगी, उत्तराखंड
सबा अहमद, बिहार
सोनू शाह, बिहार
मनीर तालुकदार, पश्चिम बंगाल
सेविक पाखेरा, पश्चिम बंगाल
-अखिलेश कुमार, यूपी
जयदेव परमाणिक, पश्चिम बंगाल
वीरेंद्र किस्कू, बिहार
सपन मंडल, ओडिशा
सुशील कुमार, बिहार
विश्वजीत कुमार, झारखंड
सुबोध कुमार, झारखंड
भगवान बत्रा, ओडिशा
अंकित, उ।प्र
राम मिलन, यूपी
सत्यदेव, उ।प्र
संतोष, उ।प्र
जय प्रकाश, यूपी
राम सुंदर, उत्तराखंड
मंजीत, यूपी
अनिल बेदिया, झारखंड
श्रीजेन्द्र बेदिया, झारखंड
सुक्रम, झारखंड
टिकू सरदार, झारखंड
गुणोधर, झारखंड
रंजीत, झारखंड
रवीन्द्र, झारखण्ड
समीर, झारखंड
विशेष नायक, ओडिशा
राजू नायक, ओडिशा
महादेव, झारखंड
मुदतु मुर्म, झारखंड
धीरेन, ओडिशा
चमरा उराव, झारखंड
विजय होरो, झारखंड
गणपति, झारखंड
राम प्रसाद, असम
विशाल, हिमाचल प्रदेश
पुष्कर, उत्तराखंड
दीपक कुमार, बिहार