Viksit Bharat 2047: विकसित भारत के संकल्पों को लेकर आज का दिन बहुत महत्वपूर्ण -प्रधानमंत्री मोदी
PM Modi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को ‘विकसित भारत@2047: युवाओं की आवाज’ कार्यशाला को वर्चुअली संबोधित किया, इस दौरान उन्होंने देश से प्रतिज्ञा लेने को कहा, “मैं जो कुछ भी करूंगा वह विकसित हिंदुस्तान के लिए होगा”। आज कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, ”विकसित हिंदुस्तान के संकल्पों को लेकर आज का दिन बहुत जरूरी है। मैं उन सभी राज्यपालों को विशेष रूप से शुभकामना देना चाहता हूं जिन्होंने विकसित हिंदुस्तान के निर्माण से संबंधित इस कार्यशाला का आयोजन किया है।”
क्या कहे पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने बोला कि, “आज हर व्यक्ति, हर संस्था, हर संगठन को इस संकल्प के साथ आगे बढ़ना है कि मैं जो कुछ भी करूं वह विकसित हिंदुस्तान के लिए हो। आपके लक्ष्यों और आपके संकल्पों का ध्यान सिर्फ़ विकसित हिंदुस्तान पर होना चाहिए। ”
पीएम मोदी ने बोला कि ये ऐतिहासिक कालखंड है जब हिंदुस्तान लंबी छलांग लगाने जा रहा है। उन्होंने बोला कि ऐसे कई राष्ट्रों के कुछ उदाहरण हैं जिन्होंने एक निश्चित समय में इतनी लंबी छलांग लगाकर स्वयं को विकसित किया है।
प्रधानमंत्री के मुताबिक, विकसित हिंदुस्तान के निर्माण का यह स्वर्णिम युग वैसा ही है जैसा लोग अक्सर परीक्षा के दिनों में देखते है। उन्होंने बोला “हमारे सामने 25 वर्ष का अमृतकाल है। हमें इस अमृतकाल और लक्ष्यों के लिए चौबीसों घंटे काम करना है।”
“इसलिए मैं कहता हूं कि यह हिंदुस्तान के लिए ठीक समय है। हमें इस अमर समय के हर पल का फायदा उठाना है। विकसित हिंदुस्तान लॉन्च के मौके पर प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, हमें एक पल भी नहीं गंवाना चाहिए। पीएम ने बोला कि एक मजबूत और सशक्त समाज तभी बनता है जब नागरिक राष्ट्र के भलाई में सोचते हैं, जब वे राष्ट्र के कल्याण के बारे में सोचते हैं। उन्होंने कहा, “समाज की मानसिकता किसी भी राष्ट्र के प्रशासन और शासन की झलक तय करती है!”
पीएम मोदी का मानना है कि ‘जनभागीदारी’ एक ऐसा मंत्र है जिसके जरिये बड़े से बड़े संकल्प भी पूरे किये जा सकते हैं। “चाहे ‘डिजिटल इंडिया’ हो, ‘वोकल फॉर लोकल’ हो या स्वच्छ हिंदुस्तान अभियान, हम सभी ने ‘सबका प्रयास’ की शक्ति देखी है!”
पीएम मोदी का दृष्टिकोण राष्ट्र के लिए राष्ट्रीय योजनाओं, प्राथमिकताओं और लक्ष्यों के निर्माण में युवा पीढ़ी को एक्टिव रूप से शामिल करना है। कार्यशाला 2047 तक हिंदुस्तान को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अपने विचारों और सुझावों को साझा करने के लिए युवाओं को शामिल करने की प्रक्रिया प्रारम्भ करने की दिशा में एक जरूरी कदम है।