राष्ट्रीय

VVPAT पर्चियों से होगा सभी EVM वोटों का मिलान

सुप्रीम न्यायालय ने ईवीएम वोटों की वीवीपैट पर्चियों से 100 प्रतिशत सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं पर निर्णय सुरक्षित रख लिया. आपको बता दें कि वर्तमान में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पांच रैंडम रूप से चयनित ईवीएम की वीवीपैट पर्चियों का सत्यापन किया जाता है.इस मुद्दे पर दाखिल की गई याचिका में गैर सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण ने दलीलें पेश की हैं.

मतदाताओं की संख्या बढ़ी है- सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम न्यायालय में सुनवाई के दौरान एक वकील बांग्लादेश की चुनावी प्रबंध की ओर इशारा किया. इस पर उच्चतम न्यायालय ने बोला कि हमारा सिस्टम अच्छे से काम कर रहा है, आप जानते हैं और हम भी जानते हैं कि मतपत्रों के साथ क्या हुआ. हमारे मतदाताओं की संख्या भी बढ़ी है और यह लोगों के विश्वास को दर्शाता है. जस्टिस दत्ता ने बोला कि ऐसा मत सोचिए कि सिर्फ़ विदेशी राष्ट्र ही अच्छा कर रहे हैं, हिंदुस्तान भी अच्छा कर रहा है.

हर चीज़ के बारे में शक करने की आवश्यकता नहीं- सुप्रीम कोर्ट

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, उच्चतम न्यायालय ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए बोला कि हमें हर चीज़ के बारे में शक करने की आवश्यकता नहीं है. न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ इस मुद्दे की सुनवाई कर रही है. आपको बता दें कि वीवीपैट, एक स्वतंत्र वोट सत्यापन प्रणाली है, जो मतदाता को यह देखने में सक्षम बनाती है कि उसका वोट ठीक ढंग से पड़ सका है या नहीं.

कोर्ट ने ईवीएम की निंदा पर जताई नाखुशी

इससे पहले मंगलवार को उच्चतम न्यायालय ने ईवीएम की निंदा और मतपत्रों को वापस लाने की मांग पर नाखुशी जताई थी. न्यायालय ने बोला कि हिंदुस्तान में चुनावी प्रक्रिया एक बहुत बड़ा काम है और इस तंत्र को कमजोर करने का कोशिश नहीं किया जाना चाहिए. न्यायालय ने इस बात का भी जिक्र किया कि मतपत्र के दौर में चुनाव परिणामों में हेरफेर करने के लिए कैसे मतदान केंद्रों को कब्जा लिया जाता था.

 

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