पश्चिम बंगाल सरकार को संदेशखाली के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से लगा बड़ा झटका
पश्चिम बंगाल गवर्नमेंट को संदेशखाली के मामले पर उच्चतम न्यायालय से बड़ा झटका लगा है। उच्चतम न्यायालय ने संदेशखाली के मामले पर कलकत्ता उच्च न्यायालय की ओर से दिए गए निर्णय के विरुद्ध दाखिल याचिका पर तुरंत सुनवाई से मना कर दिया है।
ईडी की टीम पर हमले से जुड़ा है मामला
बुधवार (6 मार्च) को उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल गवर्नमेंट की उस याचिका पर तुरंत सुनवाई से मना कर दिया, जिसमें बोला गया था कि संदेशखाली मुद्दे की CBI जांच के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाई जाए। यह मुद्दा संदेशखाली में प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर हुए हमले से जुड़ा है।
सुप्रीम न्यायालय में पश्चिम बंगाल गवर्नमेंट ने मुकदमा को किया मेंशन
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पश्चिम बंगाल गवर्नमेंट ने एक बार फिर उच्चतम न्यायालय में इस मुद्दे में जल्द सुनवाई की याचिका लगाई थी। उच्चतम न्यायालय के सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने न्यायालय से बोला कि इस मुद्दे में जल्द सुनवाई की आवश्यकता है।
अभिषेक मनु सिंघवी ने उच्चतम न्यायालय में दी ये दलील
अभिषेक मनु सिंघवी ने बोला कि जल्द सुनवाई की आवश्यकता इसलिए है, क्योंकि वे इस आदेश को रातोंरात लागू करवाना चाहते हैं। उन्होंने यह भी बोला कि यह आदेश अंतरिम आदेश है, जिस पर वे लोग तुरन्त कार्रवाई चाहते हैं।
जज बोले- चीफ जस्टिस के पास जाइए
अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच ने बोला कि आप इस मुद्दे को हिंदुस्तान के मुख्य न्यायाधीश (चीफ जस्टिस) के पास लेकर जाएं। वही इस मुकदमा को लिस्ट करेंगे।
जनवरी में प्रवर्तन निदेशालय की टीम पर शेख शाहजहां के लोगों ने किया था हमला
जनवरी के पहले हफ्ते में राशन भ्रष्टाचार मुद्दे की जांच के दौरान केंद्रीय एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम संदेशखाली में तृणमूल कांग्रेस पार्टी से जुड़े शेख शाहजहां को अरैस्ट करने के लिए पहुंची थी। इस दौरान शेख शाहजहां अपने घर पर नहीं मिला, लेकिन उसके समर्थकों ने प्रवर्तन निदेशालय के ऑफिसरों पर धावा कर दिया था।