क्या होता है जेनोफोबिया, जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बताया…
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बोला कि हिंदुस्तान जैसे राष्ट्र जेनोफोबिक (xenophobic) हैं. यही उनके आर्थिक शक्ति के तौर पर पीछे रह जाने का कारण है. बाइडेन ने बोला कि भारत, चीन, जापान और रूस जैसे राष्ट्र xenophobic हैं. इसके चलते उनकी अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है. xenophobic का अर्थ एक प्रकार के डर से होता है, जो बाहरी लोगों को आने से रोकता है. बाडइेन ने बोला कि भारत, चीन, रूस जैसे राष्ट्र बाहरी लोगों का स्वागत नहीं करते. यही वजह है कि उनकी इकॉनमी अधिक ग्रोथ नहीं कर पाई.
बाइडेन ने एक आयोजन में कहा, ‘हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है. इसकी एक वजह है क्योंकि हम और अन्य लोग भी मेहनत करते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि हम प्रवासियों का स्वागत करते हैं.‘ बाइडेन ने चीन का उदाहरण देते हुए कहा, ‘चीन की अर्थव्यस्था आखिर क्यों रुक गई है? जापान क्यों कठिन में है. हिंदुस्तान और रूस की क्या स्थिति है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि वे जेनोफोबिक हैं. ये लोग प्रवासी नहीं चाहते. लेकिन हमें तो प्रवासियों ने ही मजबूत बनाया है.‘ बता दें कि आईएमएफ ने इस वर्ष 2023 के मुकाबले ग्लोबल स्लोडाउन की संभावना जताई है.
आईएमएफ का अनुमान है कि जापान की ग्रोथ 0.9 प्रतिशत रहेगी. वहीं हिंदुस्तान जैसे विकासशील राष्ट्र की ग्रोथ 6.8 प्रतिशत रहेगी. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने अपने अनुमान में यह भी बोला है कि अमेरिका की आर्थिक विकास रेट 2.7 प्रतिशत रहेगी. बीते वर्ष के मुकाबले थोड़ा सुधार रहेगा क्योंकि 2023 में यह 2.5 पर्सेंट पर ही ठहर गई थी. एक्सपर्ट्स का बोलना है कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था में इस सुधार की वजह प्रवासी लोगों के आने से होगा. ये लोग वर्कफोर्स में शामिल होंगे और उससे इकॉनमी को भी सहायता मिलने की आशा है.
गौरतलब है कि अमेरिका अकसर कहता है कि हम अफ्रीका से लेकर एशिया तक के लोगों का स्वागत करते हैं. इसी के चलते हमारी ग्रोथ हुई है. अमेरिका में भारतीय मूल के भी लाखों लोग बसे हुए हैं. हालांकि अमेरिका की राजनीति में प्रवासी लोगों की बढ़ती संख्या भी एक मामला रही है. यही नहीं हेट अपराध भी वहां बीते कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है. इस वर्ष नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले भी प्रवासी लोगों की बढ़ती संख्या एक बार फिर से मामला बन गई है. राष्ट्रपति बाइडेन कई बार इस मुद्दे को लेकर डोनाल्ड ट्रंप की निंदा कर चुके हैं और उन पर नफरत फैलाने के इल्जाम लगाते हैं.