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कांग्रेस जब महंगाई और बेरोजगारी मुद्दों पर पूछती है, तो सरकार देती है नए नारे :मल्लिकार्जुन खड़गे

खड़गे ने शनिवार को हैदराबाद में कांग्रेस पार्टी कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में अपने उद्घाटन भाषण में बोला कि जब भी विपक्षी दल इन बुनियादी मुद्दों को उठाते हैं तो गवर्नमेंट उत्तर देने के बजाय नए हथकंडे अपनाती है और नए नारे देती है.

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने शनिवार को केंद्र में बीजेपी (भाजपा) के नेतृत्व वाली गवर्नमेंट की निंदा करते हुए बोला कि जब भी कांग्रेस पार्टी महंगाई और बेरोजगारी जैसे बुनियादी मुद्दों पर गवर्नमेंट से प्रश्न पूछती है, तो गवर्नमेंट नए नारे दे देती है. खड़गे ने शनिवार को हैदराबाद में कांग्रेस पार्टी कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में अपने उद्घाटन भाषण में बोला कि जब भी विपक्षी दल इन बुनियादी मुद्दों को उठाते हैं तो गवर्नमेंट उत्तर देने के बजाय नए हथकंडे अपनाती है और नए नारे देती है. ‘आत्मनिर्भर भारत’, ‘5 ट्रिलियन इकोनॉमी’, ‘न्यू इण्डिया 2022’ और ‘अमृतकाल’ जैसे नारे दिए गए. कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष ने अपनी पार्टी के नेताओं से लोगों को यह समझाने को भी बोला कि ऐसे नारों से राष्ट्र में प्रगति नहीं होगी.

खड़गे ने बोला कि आजकल गवर्नमेंट ‘तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था’ का सपना बेच रही है. नारों से राष्ट्र आगे नहीं बढ़ेगा. उन्होंने बोला कि हमें जनता को समझाना होगा कि ये विफलताओं को छिपाने के नारे हैं. गवर्नमेंट सोचती है कि वह आयोजनों और विज्ञापनों पर करोड़ों रुपये खर्च करके हिमालय जैसी विफलताओं को छिपा लेगी. 20 अगस्त को पुनर्गठन के बाद सीडब्ल्यूसी की पहली बैठक में, खड़गे ने कई ज्वलंत मुद्दों को सूचीबद्ध किया, जाति जनगणना की मांग की और पार्टी को उसकी तुरन्त चुनौती – आनें वाले विधानसभा और लोकसभा चुनावों की याद दिलाई. वहीं, खड़गे ने जी20 शिखर सम्मेलन को लेकर भाजपा के अतिउत्साह पर भी प्रश्न उठाया और कहा, ‘हम सब देख रहे हैं कि जी20 के आयोजन के बाद गवर्नमेंट किस तरह अपनी ही प्रशंसा में मशगूल है. दिल्ली में बारी-बारी से होने वाली जी20 बैठक पर 4,000 करोड़ रुपये खर्च किए गए और अब ब्राजील को बारी-बारी से जी20 का नेतृत्व मिल गया है.

3 प्रस्ताव हुए पास

कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस पार्टी वर्किंग कमेटी में 3 प्रस्ताव पारित हुए हैं. पहला, केरल के पूर्व सीएम ओमन चांडी के देहांत पर शोक प्रस्ताव है, दूसरा मणिपुर पर शोक प्रस्ताव और तीसरा शोक प्रस्ताव हिमाचल प्रदेश की आपदा पर है. इस प्रस्ताव में यह भी मांग की गई है कि हिमाचल की आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए ताकि गवर्नमेंट से जो सहायता मिलनी है वह पर्याप्त मात्रा में मिले. कांग्रेस पार्टी सांसद पी चिदंबरम ने बोला कि कांग्रेस पार्टी कार्य समिति एक ड्राफ्ट प्रस्ताव पर विचार-विमर्श कर रही है. विचार-विमर्श अभी भी चल रहा है… हम राष्ट्र की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं. राष्ट्र के सामने आने वाले आर्थिक संकट और आंतरिक और बाहरी सुरक्षा खतरों में विभाजित किया जा सकता है जो राष्ट्र के लिए एक बड़ी चुनौती हैं. उन्होंने यह भी बोला कि एक राष्ट्र, एक चुनाव संविधान पर धावा है. हम इसे अस्वीकार करते हैं. यह संघवाद पर धावा है. इसके लिए कम से कम पाँच कानूनी संशोधनों की जरूरत होगी.

कांग्रेस नेता ने आगे बोला कि बीजेपी जानती है कि उसके पास इन कानूनी संशोधनों को पारित करने के लिए पर्याप्त संख्याबल नहीं है. फिर भी यदि यह एक राष्ट्र, एक चुनाव की मृगतृष्णा को सामने रखता है, तो यह सिर्फ़ ज्वलंत मुद्दों से ध्यान भटकाने और झूठी कहानी गढ़ने के लिए है. उन्होंने बोला कि सियासी स्थिति पर हमारा मानना ​​है कि राष्ट्र के कानूनी और संघीय ढांचे के लिए चुनौती है संघवाद को व्यवस्थित रूप से कमजोर किया जा रहा है, राज्य सरकारों को बाधित किया गया है, राज्य सरकारों को राजस्व देने से इनकार कर दिया गया है या कम कर दिया गया है और राज्य सरकारों को उनकी जिम्मेदारियों के निर्वहन के रास्ते में बाधाएं खड़ी की गई हैं.

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