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JDU से क्यों कटता जा रहा हरिवंश का पत्ता? क्या है नीतीश का प्लान?

जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन क‍िया है और इसके 98 सदस्‍यों की ल‍िस्‍ट भी जारी की है इस ल‍िस्‍ट में सीएम और पार्टी के सर्वोच्च नेता नीतीश कुमार का नाम सबसे ऊपर रखा गया है वहीं राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश को छोड़कर संसद के दोनों सदनों में पार्टी के सभी सदस्यों और राज्य मंत्रिमंडल में जदयू के सभी मंत्रियों के भी नाम इस सूची में हैं आपको बता दें क‍ि जदयू के लोकसभा में बिहार से 16 सांसद हैं और राज्यसभा में हरिवंश सहित पांच सांसद हैं लगभग 30 सदस्यीय राज्य मंत्रिमंडल में सीएम के अतिरिक्त पार्टी के 12 मंत्री हैं आख‍िर ऐसा क्‍या हुआ जो राज्‍यसभा सदस्‍य हर‍िवंश का पार्टी से दूरी बढ़ गई और राष्‍ट्रीय कार्यकार‍िणी की गठन के बाद नीतीश कुमार का क्‍या है प्‍लान 10 बातों में समझे ब‍िहार की पॉल‍िट‍िक्‍स…

बिहार के सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने राष्‍ट्रीय कार्यकार‍िणी का गठन क‍िया है इसका मकसद अगले वर्ष (वर्ष 2024 में) होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले स्वयं को एकजुट करने के साफ कोशिश करना है

जेडीयू ने 98 सदस्यीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया है इसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह समेत ल‍िस्‍ट में अन्य प्रमुख नामों में अनुभवी समाजवादी के सी त्यागी शामिल हैं, जो मीडिया में पार्टी के सबसे अधिक दिखाई देने वाले चेहरों में से एक हैं त्यागी के पास ‘विशेष सलाहकार और मुख्य प्रवक्ता का पद है ललन जद (यू) के संसदीय दल के नेता भी हैं

बिहार के नेता जिनमें संसद और राज्य विधानमंडल के मौजूदा और पूर्व सदस्य और अन्य पदाधिकारी शामिल हैं राष्ट्रीय कार्यकारिणी का हिस्सा तो हैं ही, राज्य के बाहर भी अपनी पकड़ बढ़ाने के इसमें साफ कोशिश किए गए हैं

जेडीयू का बोलना है क‍ि पिछले वर्ष 9 अगस्त को पार्टी का भाजपा का साथ छोड़ने के बाद से हरिवंश ने पार्टी की सभी बैठकों में भाग नहीं लिया इतना ही नहीं, उन्होंने संसदीय दल की बैठक में आना बंद कर दिया है, जो हम हर बुधवार को सदन के सत्र के दौरान आयोजित करते हैं जेडीयू ने बोला है क‍ि ऐसा संभव है कि हरिवंश को किसी और ने नहीं बल्कि भाजपा ने जेडीयू की बैठकों में शामिल न होने के लिए बोला हो

बताया जा रहा है क‍ि पत्रकार से नेता बने हरिवंश ने अपनी दलील में बोला है क‍ि पार्टी की बैठकों से दूरी बनाने की वजह यह है क‍ि वह एक कानूनी पद पर हैं वहीं जेडीयू ने बोला है क‍ि 9 अगस्त 2022 से पहले हर‍िवंश हमेशा पार्टी की बैठकों में शामिल होते थे आपको बता दें क‍ि राज्यसभा में अपना लगातार दूसरा कार्यकाल पूरा कर रहे हरिवंश 2018 में उपसभापति बने

ऐसा क्‍या हुआ क‍ि एक वक्‍त जेडीयू के सर्वोच्च नेता और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के विश्वासपात्र रहे हरिवंश की दूर‍ियां बढ़ने लगी इसकी सबसे बड़ी वजह विपक्ष के बहिष्कार के बावजूद नए संसद भवन के उद्घाटन में हर‍िवंश के भाग लेने जैसे कदमों के कारण पार्टी की निंदा का सामना करना पड़ रहा है हालांक‍ि यह बात कही गई क‍ि हर‍िवंश उप सभापत‍ि होने की हैस‍ियत से उस कार्यक्रम में शाम‍िल हुए थे

इतना ही नहीं द‍िल्‍ली सेवा ब‍िल के राज्‍यसभा में मतदान के समय भी हर‍िवंश सरल में बैठे हुए थे और मतदान में शाम‍िल नहीं हुए आपको बता दें क‍ि राज्‍यसभा के उपसभापत‍ि पर व्‍ह‍िप लागू होता है शर्त यह होती है क‍ि वह मतदान के समय सरल पर न बैठे हों

उप सभापत‍ि पार्टी की राजनीत‍ि रैली में भी शाम‍िल नहीं होते हैं लेक‍िन संसदीय दल की बैठक में वह जाते हैं वहीं हर‍िवंश और पार्टी के बीच जो दूर‍ियां थी अब वह खुलकर सामने आने लगी हैं पर पार्टी से हर‍िवंश को न‍िकालने का रास्‍ता तभी बनेगा जब वह पार्टी क ओर से जारी व्‍ह‍िप का उल्‍लंघन करें

जेडीयू ने राष्‍ट्रीय कार्यकार‍िणी में नॉर्थ-ईस्‍ट के नेताओं को भी पर्याप्त अगुवाई दिया है इनमें मणिपुर और नागालैंड के विधायक और असम, अरुणाचल प्रदेश और मेघालय की राज्य इकाइयों के प्रमुख शामिल हैं नॉर्थ-ईस्‍ट में जेडीयू ने पूर्व सहयोगी भाजपा पर उसके अधिकतर विधायकों को तोड़ने का इल्जाम लगाया है

बीजेपी के सबसे बड़े गढ़ यूपी में नीतीश कुमार के लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जाती रही हैं पार्टी की कार्यकार‍िणी में उत्तर प्रदेश से अगुवाई जौनपुर के पूर्व सांसद और जदयू के राष्ट्रीय महासचिव धनंजय सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सत्येन्द्र पटेल कर रहे हैं ल‍िस्‍ट में शामिल किए गए सदस्यों में पार्टी के अन्य राज्य अध्यक्ष यथा पड़ोसी राज्य पश्चिम बंगाल और झारखंड के अतिरिक्त जम्मू-कश्मीर, पंजाब, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र जैसे कई दूर-दराज के प्रांतों से भी हैं

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