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फर्रुखाबाद में कृषि वैज्ञानिक ने सब्जियों की इस खास किस्मों को तैयार करके कर रही बंपर पैदावार

 फर्रुखाबाद : जिले के किसान परंपरागत खेती को छोड़कर इन दिनों सब्जियों की फसल तैयार करने में जुटे हैं. लेकिन किसानों के लिए बड़ी चुनौती होती है कि आखिर कौन सी फसल से वह अच्छी कमाई कर सकते हैं. आज हम आपको ऐसी सब्जियों के बारे में बताएंगे, जिनकी खेती कर किसान भाई अच्छा फायदा कमा सकते हैं. फर्रुखाबाद में कृषि वैज्ञानिक ने सब्जियों की खास किस्मों को तैयार किया है, जो उन्नत प्रजाति की होती हैं. जिससे बंपर पैदावार होती है.

फर्रुखाबाद के किसान बिना रसायन वाली प्राकृतिक खेती पर विशेष ध्यान दे रहे हैं. क्योंकि वह इसमें गोबर खाद, कंपोस्ट खाद और फसलों के अवशेष का इस्तेमाल कर रहे हैं. जिसके आधार पर प्रकृति में मिलने वाले विभिन्न खनिज पदार्थ द्वारा फसलों के पौधों में पोषक तत्व पहुंचते हैं. वहीं इस समय पर जैविक खेती में रोग, कीट प्रबंधन के लिए भी किसान अपने खेतों में मित्र कीटों और जीवाणु जैव एजेंट और जैविक कीटनाशकों का प्रयोग कर रहे हैं. जिसके कारण खेत में रसायनों का प्रयोग नहीं होता है. इससे उनकी काफी लागत भी बचती है. तो दूसरी ओर मंडी में रेट भी अच्छे मिलते हैं.

सब्जियों की खेती से अधिक मिलेगा मुनाफा

कृषि वैज्ञानिक राहुल पाल ने कहा कि वह कमालगंज के श्रंगीरामपुर में पाली हाउस में नर्सरी तैयार करते हैं. जिसकी खेतों में रोपाई करने के करीब एक माह में ही इन पौधों से सब्जियां निकलने लगती हैं. आमतौर पर धनिया, चुकंदर, मूली, खीरा और टमाटर, मिर्च की फसल बाजार में महंगी बिकती है. जिससे किसानों को अच्छा खासा फायदा होता है. दूसरी ओर यहां तैयार नर्सरी में बीमारी भी कम लगते हैं, जिससे लागत भी कम आती  है.

इतना होना चाहिए मिट्टी का पीएच मान

आज के मौसम में तोरई की खेती के लिए गर्म और आद्र जलवायु मुफीद है. वहीं इसकी खेती के लिए 25 से 37 डिग्री सेल्सियस तापमान ठीक माना जाता है. इसकी फसल के लिए मिट्टी का पीएच मान 6.5 से 7. 5 के बीच होना चाहिए.

कैसे होती है यह खेती

सब्जियों की फसलों को करने के लिए ऐसी स्थान का चुनाव करें, जिसमें जल जमाव कम होता हो. इसके साथ ही उसमें गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट और फसलों की अवशेषों को भूमि की मृदा में मिलाया जाता है. वहीं इसकी खेती करने के लिए नमीदार खेत में जुताई करने के बाद खेत को समतल करके 2.5 x 2 मीटर की दूरी पर 30 सेमी x 30 सेमी x 30 सेमी आकार के के गड्ढे खोदने के बाद सब्जियों की पौध को रोपना चाहिए. इसके बाद समय से सिंचाई और गुड़ाई की जाती है. सब्जियों की उन्नत किस्मों के पौधो की रोपाई के बाद यह एक महीने में तैयार हो जाते हैं.

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