Candidates Chess: प्रज्ञानानंदा की बड़ी बहन ने बुल्गारिया की नुर्गयुल सेलिमोवा को हराकर दर्ज की पहली जीत
Chess Candidates Tournament 2024 Round 3: भारतीय ग्रैंडमास्टर आर प्रज्ञानानंदा ने बहुत बढ़िया प्रदर्शन करते हुए कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट के तीसरे दौर में हमवतन विदित गुजराती को हराया। टूर्नामेंट में हिस्सा ले रही भाई-बहन की पहली जोड़ी के लिए यह अच्छा दिन रहा जब प्रज्ञानानंदा की बड़ी बहन आर वैशाली ने भी बुल्गारिया की नुर्गयुल सेलिमोवा को हराकर पहली जीत दर्ज की। स्त्री वर्ग में केवल इसी मुकाबले का नतीजा निकला।
डी गुकेश को मिली निराशा
पुरुष वर्ग में डी गुकेश रूस के इयान नेपोमनियाची के मजबूत डिफेंस को भेदने में असफल रहे जबकि फ्रांस के अलीरेजा फिरोजा ने शीर्ष वरीय अमेरिका के फाबियानो करूआना से ड्रॉ खेला। टूर्नामेंट में हिस्सा ले रहे एक अन्य अमेरिकी हिकारू नाकामूरा को अजरबेजान के निजात अबासोव से ड्रॉ खेलने के दौरान अधिक मशक्कत नहीं करनी पड़ी।
डबल राउंड रोबिन टूर्नामेंट में अभी 11 दौर का खेल बाकी
महिला वर्ग में हिंदुस्तान की कोनेरू हंपी ने सफेद मोहरों से खेलते हुए चीन की टैन झोंगयी को बराबरी पर रोका। चीन की ही टिंगजी लेइ ने रूस की एलेक्सांद्रा गोरयाचकिना से अंक बांटे। रूस की कैटरीना लेगनो और यूक्रेन की अन्ना मुजिचुक की बाजी भी बराबरी पर छूटी। पुरुष और स्त्री वर्ग दोनों में आठ-आठ खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं और इस डबल राउंड रोबिन टूर्नामेंट में अभी 11 दौर का खेल बाकी है।
विदित और प्रज्ञानानंदा के डेढ़-डेढ़ अंक
पुरुष वर्ग में करुआना, गुकेश और नेपोमनियाची दो अंक के साथ संयुक्त रूप से टॉप पर चल रहे हैं। इनके बाद विदित और प्रज्ञानानंदा को नंबर आता है। इन दोनों के समान डेढ़ अंक हैं। इन दोनों से आधा अंक पीछे नाकामूरा, अलीरेजा और अबासोव हैं। स्त्री वर्ग में झोंगयी ढाई अंक के साथ सबसे आगे चल रही हैं। उन्होंने गोरयाचकिना पर आधे अंक की बढ़त बना रखी है।
वैशाली संयुक्त रूप से तीसरे जगह पर
हंपी, वैशाली और लेगनो समान डेढ़ अंक के साथ संयुक्त रूप से तीसरे जगह पर हैं। लेइ, मुजिचुक और सेलिमोवा एक अंक के साथ संयुक्त रूप से छठे पायदान पर हैं। प्रज्ञानानंदा के विरुद्ध 45 चाल में हार झेलने वाले गुजराती ने मुकाबले के बाद कहा, ‘मैं ड्रॉ करा सकता था, लेकिन मुझे लगा कि मैं बेहतर स्थिति में हूं।’ प्रज्ञानानंदा ने कहा, ‘शुरुआत में मैं काफी सुनिश्चित नहीं था, लेकिन मुझे लगता है कि काले मोहरों से खेलते हुए कठिनाई नहीं हुई।’