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India T20 World Cup 2024 Squad: रिंकू सिंह ने इस नियम की चुकाई भारी कीमत

भारतीय प्रीमियर लीग (आईपीएल) मैचों को काफी हद तक 12 खिलाड़ियों का मुकाबला बनाने वाले ‘इंपेक्ट प्लेयर’ नियम का पावर हिटर रिंकू सिंह को हानि हुआ और वह हिंदुस्तान की टी20 वर्ल्ड कप 2024 टीम में स्थान नहीं बना सके क्योंकि उन्हें क्रीज पर काफी समय बिताने का मौका नहीं मिला. पिछले इंडियन प्रीमियर लीग में एक ओवर में पांच छक्के जड़कर सुर्खियां बटोरने वाले अलीगढ़ के 26 वर्षीय बाएं हाथ के बल्लेबाज रिंकू पर शिवम दुबे को तरजीह देकर मुख्य राष्ट्रीय टीम में स्थान दी गई जबकि उन्हें रिजर्व खिलाड़ियों में शामिल किया गया.

आईपीएल के मौजूदा सत्र के शुरुआती 10 मैचों के दौरान चेन्नई सुपर किंग्स के लिए अधिक समय क्रीज पर बिताने के कारण दुबे को मौका मिला. मंगलवार को अहमदाबाद में हुई चयन बैठक के बारे में जानकारी रखने वाले लोग इस बात पर सर्वसम्मति से सहमत थे कि पैनल ने रिंकू को सरलता से बाहर कर दिया होगा क्योंकि उन्हें हार्दिक पांड्या और दुबे के साथ 15 खिलाड़ियों में स्थान नहीं मिल सकती.

भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के एक सूत्र ने नाम नहीं छापने की शर्त पर मीडिया को बताया, ”इसमें कोई शक नहीं है कि रिंकू ने इंपेक्ट प्लेयर नियम की मूल्य चुकाई है. वह साफ रूप से दुर्भाग्यशाली है. हार्दिक भले ही खराब फॉर्म में हो लेकिन वह अब भी हिंदुस्तान का सर्वश्रेष्ठ तेज गेंदबाजी ऑलराउंडर है और उसे बाहर करना एक जोखिम होता क्योंकि वह एकमात्र आदमी है जिसने गेंदबाजी की है.” रिंकू को इंपेक्ट प्लेयर नियम से कैसे हानि हुआ? कोलकाता नाइट राइडर्स ने रिंकू को फिनिशर की किरदार दी और उन्हें कभी भी शीर्ष पांच में बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला. चयन से पहले आठ पारियों में उन्होंने सिर्फ़ 82 गेंदें खेली जो प्रति पारी लगभग 10 गेंद होती हैं.

टीम के लिए भारतीय खिलाड़ियों में कप्तान श्रेयस अय्यर और वेंकटेश अय्यर के साथ अंगकृष रघुवंशी ने अधिकतर ओवर खेले जिससे अंत में रिंकू के पास करने के लिए काफी कुछ नहीं बचा. रिंकू को बढ़ावा नहीं देने के लिए नाइट राइडर्स को गुनेहगार नहीं ठहराया जा सकता लेकिन सच बोला जाए तो श्रेयस और वेंकटेश राष्ट्रीय टीम में चयन के दावेदार नहीं थे. इसके उल्टा चेन्नई सुपरकिंग्स और उनके चतुर रणनीतिज्ञ महेंद्र सिंह धोनी 2021 सत्र से दुबे का अधिकतम इस्तेमाल कर रहे हैं.

दुबे को मौजूदा सत्र में अब तक नौ मैच में 203 गेंद खेलने को मिली हैं. यह प्रति मैच लगभग 23 गेंद होती है जो रिंकू से 13 अधिक हैं. दुबे ने अब अब 24 चौके और 26 छक्के मारे हैं. रिंकू ने अपनी 82 गेंद में नौ चौके और छह छक्के लगाए हैं. मध्यम तेज गति के गेंदबाज दुबे गेंदबाजी नहीं कर रहे हैं क्योंकि धोनी ने ठीक आंका है कि उनकी गेंदबाजी क्षमता आशा के अनुसार नहीं है और विरोधी बल्लेबाज उन्हें निशाना बना सकते हैं.

धोनी ने दुबे का सबसे अच्छा इस्तेमाल किया और धीमी पिच पर पावर हिटिंग के उनके कौशल की बदौलत उन्हें राष्ट्रीय टीम में स्थान बनाने का दावेदार बनाया. यह साफ नहीं है कि यदि इंपेक्ट प्लेयर नियम नहीं होता तो क्या धोनी और सुपर किंग्स के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ दुबे का इस तरह इस्तेमाल कर पाते. इसलिए जनवरी 2024 तक हिंदुस्तान के लिए 15 मैच में दो अर्धशतक की सहायता से रिंकू का 176 का हड़ताल दर उन्हें मुख्य टीम में स्थान दिलाने के लिए पर्याप्त नहीं था.

जैसे अंबाती रायुडू का बाहर होना 2019 वनडे वर्ल्ड कप से पहले सबसे दुर्भाग्यपूर्ण निर्णयों में से एक था, यह आशा ही की जा सकती है कि मुख्य टीम से रिंकू का बाहर होना हानिकारक नहीं होगा. रिंकू रिजर्व खिलाड़ियों का हिस्सा हैं और किसी खिलाड़ी के चोटिल होने पर उन्हें 15 सदस्यीय टीम में मौका मिल सकता है. साथ ही यदि चयनकर्ताओं को महत्वपूर्ण लगता है तो 23 मई तक उन्हें टीम में परिवर्तन करने के लिए किसी कारण की जरूरत नहीं होगी.

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