केएल राहुल साउथ अफ्रीका के खिलाफ से पहले संकट मोचक भूमिका में आये नजर
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज केएल राहुल साउथ अफ्रीका के विरुद्ध बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच के पहले दिन संकट मोचक की किरदार में नजर आए। सेंचुरियन की सुपरस्पोर्ट पार्क की बाउंसी पिच पर जहां कप्तान रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे धुरंधर बल्लेबाज घुटने टेकते नजर आए वहीं केएल राहुल वन मैन आर्मी की तरह डटे रहे। केएल राहुल के लिए 26 दिसंबर बहुत लकी रहा है। उन्होंने वर्ष 2014 में इसी दिन टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया और वर्ष 2021 में साउथ अफ्रीका के विरुद्ध 121 रन की पारी खेलकर खूब वाहवाही लूटी थी। राहुल ने बॉक्सिंग डे टेस्ट मैच में भी शतक के करीब हैं। केएल राहुल की इस बेहतरीन पारी को देखकर बैटिंग कोच विक्रम राठौड़ भी गदगद हैं। राठौड़ ने राहुल की इस पारी को देखकर उन्हें नया नाम दिया है।
केएल राहुल (KL Rahul) बॉक्सिंग डे टेस्ट (Boxing Da Test) मैच के पहले दिन पहली पारी में 70 रन बनाकर नाबाद हैं। उन्होंने इस दौरान 105 गेंदों पर 10 चौके और 2 छक्के लगाए। वर्षा से प्रभावित पहले दिन का खेल समाप्त होने तक भारतीय टीम ने 8 विकेट पर 208 रन बना लिए थे। राहुल के साथ दूसरे छोर पर मोहम्मद सिराज हैं जिन्हें अभी अपना खाता खोलना है। राहुल ने शार्दुल ठाकुर (Shardul Thakur) के साथ मिलकर 43 रन जोड़े वहीं बुमराह के साथ उन्होंने 27 रन की साझेदारी की। सिराज के साथ राहुल नाबाद 17 रन जोड़ चुके है।
‘उन्हें पता है कि कौन सी गेंद को हिट करना है’
मुश्किल परिस्थितियों में केएल राहुल ने जो धैर्य दिखाई उसकी सभी प्रशंसा कर रहे हैं। विक्रम राठौड़ (Vikram Rathore) ने भी माना कि राहुल ने हिंदुस्तान को कठिन परिस्थितियों से निकाला। विक्रम राठौड़ ने कहा, ‘ राहुल हमारे लिए संकटमोचक बनते जा रहे हैं। वह कई बार टीम को मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकालने में सफल रहे हैं। वह अपनी खेल योजना के साथ साफ हैं। उन्हें पता है कि अच्छी गेंदों का बचाव करना है जबकि कमजोर गेंदों पर रन बनाना है’
टेस्ट में पहली बार विकेटकीपिंग कर रहे केएल राहुल
इस मैच के जरिए केएल राहुल टेस्ट में पहली बार विकेटकीपिंग कर रहे हैं। राहुल ने अभी तक साउथ अफ्रीकी पेस अटैक का भली–भाँति सामना किया है। मैच के दूसरे दिन राहुल अपनी सेंचुरी पूरी कर पाते हैं या नहीं, ये देखना दिलचस्प होगा। हालांकि हिंदुस्तान के अब 2 विकेट ही बचे हैं। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि पुछल्ले बल्लेबाज उनका साथ कितने समय तक दे पाते हैं।