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भारत की जानी मानी तैराक निशा मिलेट के जन्मदिन पर जानें इनका जीवन परिचय
स्पोर्टस न्यूज डेस्क !! निशा मिलेट (अंग्रेज़ी: Nisha Millet, जन्म- 20 मार्च, 1982) भारतीय की जानी-मानी तैराक हैं. वह हिंदुस्तान के लिए 2000 सिडनी ओलंपिक तैराकी टीम में अर्जुन पुरस्कार जीतने वाली एकमात्र स्त्री थीं. राष्ट्रीय खेलों की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के लिए पीएम का पुरस्कार उन्होंने 1997 और 1999 में प्राप्त किया.
- निशा मिलेट को पांच वर्ष की उम्र में डूबने का अनुभव था, जिसके बाद उनके पिता ने उन्हें अपने डर से उबरने के लिए तैराकी सीखने के लिए मनाया.
- 1991 में निशा ने अपने पिता के मार्गदर्शन में, ऑबरे शेनयायनगर क्लब, चेन्नई से तैरने का तरीका सीखा और 1992 में चेन्नई में 50 मीटर फ्री स्टाइल में अपना पहला राज्य स्तर का पदक जीता.
- 1994 में निशा मिलेट ने हांगकांग के एशियाई उम्र समूह चैंपियनशिप में अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय पदक जीता. यह उनके शासन काल की आरंभ थी.
- वह 1999 में राष्ट्रीय खेलों में 14 स्वर्ण पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय एथलीट थीं.
- निशा मिलेट ने अपने कॅरियर की ऊँचाई पर 200 सी फ्री स्टाइल में 2000 सिडनी ओलंपिक में हिंदुस्तान का अगुवाई किया था, जहां उन्होंने आरंभ में अच्छा किया; परन्तु सेमी फाइनल तक ना पहुंच पाई.
- निशा ने 100 मीटर फ्री स्टाइल में एक मिनट के बाधा को तोड़ने वाला पहला भारतीय तैराक होने का गौरव भी हासिल किया था.
- उन्होंने बहुत-से सम्मान भी हासिल किए-
- 2003 में एफ्रो-एशियन गेम्स, स्त्री बैकस्ट्रोक रजत पदक भी प्राप्त किया.
- 2002 में कर्नाटक राज्य एकलव्य पुरस्कार प्राप्त किया.
- 1999 में मणिपुर राष्ट्रीय खेलों में खेल में सर्वोच्च स्वर्ण पदक प्राप्त किया.
- राष्ट्रीय खेलों की सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के लिए पीएम का पुरस्कार 1997 और 1999 में प्राप्त किया.