जानें अश्विन को प्रमोट करने के पीछे राजस्थान की क्या चाल थी…
राजस्थान रॉयल्स की टीम इंडियन प्रीमियर लीग 2024 के अपने दूसरे मैच में दिल्ली कैपिटल्स के विरुद्ध जब पहले बल्लेबाजी करने के लिए उतरी तो टीम के 3 विकेट 36 रन पर गिर चुके थे और 8वां ओवर प्रगति पर था. इसके बाद रविचंद्रन अश्विन बल्लेबाजी के लिए आए तो हर कोई दंग था कि राजस्थान रॉयल्स ने उनको नंबर 5 पर क्यों प्रमोट किया, जबकि उनके पास ध्रुव जुरेल और शिमरोन हेटमायर का विकल्प था. यहां तक कि रोवमैन पॉवेल को इम्पैक्ट प्लेयर के तौर पर खिलाने का चांस था. ऐसे में जान लीजिए कि अश्विन को प्रमोट करने के पीछे राजस्थान की क्या चाल थी?
दरअसल, जब 8वें ओवर में टीम को तीसरा झटका लगा तो टीम मैनेजमेंट ने अपना पूरा गणित लगाया और आर अश्विन को प्रमोट कर दिया. इसके पीछे पहला कारण तो ये था कि कुछ ओवर विकेट गिरने से रोकना था, जिसमें अश्विन सफल हुए. पहले तो उन्होंने विकेट बचाया और फिर जल्द ही कुलदीप यादव को छक्का जड़ दिया. अगले ओवर में एनरिक नोर्खिया को दो छक्के अश्विन ने जड़े. इस तरह उन्होंने जो गेंदें खेलीं, उनके हड़ताल दर की भरपाई की. वे 19 गेंदों में 3 छक्कों की सहायता से 29 रनों की पारी खेली. वे 14वें ओवर में आउट हो गए. इसके बाद बल्लेबाजी के लिए ध्रुव जुरेल आ गए.
दूसरा कारण ये था कि राजस्थान के पास पांच ही गेंदबाज हैं, क्योंकि राजस्थान की प्लेइंग इलेवन में टॉप 6 में एक भी बल्लेबाज ऐसा नहीं हैं जो गेंदबाजी करता हो. रियान पराग थोड़ी बहुत गेंदबाजी करते हैं, लेकिन वे भरोसमंद छठे विकल्प नहीं हैं. ऐसे में आरआर को नांद्रे बर्गर के रूप में गेंदबाजी में छठा विकल्प इम्पैक्ट प्लेयर के रूप में लाना था और रोवमैन पॉवेल का इस्तेमाल बल्लेबाजी में नहीं करना था. इसमें टीम को कामयाबी मिली, क्योंकि अश्विन ने विकेट बचाया और टीम के लिए अहम रन बनाए.
तीसरा कारण अश्विन के प्रमोशन का ये था कि ध्रुव जुरेल और शिमरोन हेटमायर को बीच के ओवरों में बल्लेबाजी का उतना अनुभव नहीं है. यहां तक कि उनका हड़ताल दर भी खराब रहता है. ऐसे में उनको डेथ ओवर्स के लिए बचाने के उद्देश्य से अश्विन को पहले बल्लेबाजी के लिए भेजा गया. शिमरोन हेटमायर छठा विकेट गिरने के बाद आए, लेकिन रियान पराग ने दूसरे एंड से दमदार बल्लेबाजी करते हुए टीम को सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया.