पंजाब के शिखर धवन के खिलाफ बिहार के मयंक ने 155.8 KM/H की रफ्तार से फेंकी गेंद
सुपौल. बिहार के एक युवा खिलाड़ी को इंडियन प्रीमियर लीग फ्रेंचाइजी लखनऊ सुपर जायंट्स ने साल 2022 में 20 लाख देकर खरीदा. लेकिन, उसे एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला. अगले सीजन में हैमस्ट्रिंग की चोट के कारण भी वह एक भी मैच नहीं खेल पाया. लगातर दो वर्षों तक बाहर से क्रिकेट को देखते हुए इस पुरुष ने स्वयं को संघर्ष की भट्ठी में इतना तपाया कि इस सीजन में जब उसे खेलने का मौका मिला, तो पहले ही मैच में उसने किंग्स इलेवन पंजाब के तीन विकेट चटका दिए. उसे मैन ऑफ द मैच भी चुना गया.
जी हां! हम बात कर रहे हैं बिहार के सुपौल जिले के मरौना प्रखंड भीतर मरौना दक्षिण पंचायत के रतहो निवासी मयंक यादव की. किंग्स इलेवन पंजाब के कप्तान शिखर धवन के विरुद्ध मयंक ने 155.8 KM/H की रफ्तार से गेंद फेंकी. यह इंडियन प्रीमियर लीग 2024 की अबतक की सबसे तेज गेंद है. मयंक की रफ्तार को देख स्वयं साउथ अफ्रीका के पूर्व कद्दावर तेज गेंदबाज डेल स्टेन ने भी कहा, कहां छुपे थे!
साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं मयंक
मयंक के पिता प्रभु यादव दिल्ली में सायरन बनाते हैं. वे बताते हैं कि मयंक, बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौकीन था. पढ़ाई के बाद हमेशा अपने सहपाठी के साथ क्रिकेट मैदान से लेकर गली-कूची तक में खेलते रहता था. क्रिकेट के प्रति अत्यधिक झुकाव के बाद हमलोगों ने भी योगदान करना प्रारम्भ कर दिया. वे बताते हैं कि सबसे पहले मयंक ने अपने विद्यालय की ओर से क्रिकेट खेलना प्रारम्भ किया था.
उसके प्रदर्शन को देखते हुए पहली बार साल 2019 में ही दिल्ली की स्टेट टीम में सेलेक्शन हुआ. फिर, दो वर्ष बाद साल 2022 में इंडियन प्रीमियर लीग फ्रेंचाइजी लखनऊ सुपर जाइंट्स ने 20 लाख में उसे खरीद लिया. लेकिन खेलने का मौका इस बार मिला. अपने पहले ही मैच में उसने बहुत बढ़िया गेंदबाजी करते हुए चार ओवर में 27 रन देकर पंजाब के तीन खिलाड़ियों को आउट किया और अपनी टीम को जीत दिलाई.
कोसी क्षेत्र में खुशी का माहौल
मयंक का गांव कोसी क्षेत्र का बाढ़ प्रभावित क्षेत्र है. इस क्षेत्र के बेटे को इंडियन प्रीमियर लीग में कमाल करता देख गांव ही नहीं, क्षेत्र के लोग भी काफी खुश हैं. मयंक के चाचा फूल कुमार क्षेत्रीय पत्रकार हैं. वे बताते हैं कि मयंक का जन्म भी दिल्ली में ही हुआ था. वह सीधे और आसान स्वभाव का पुरुष है. दिल्ली में ही रहकर 12वीं पास की है. जबकि, उसके पिता प्रभु यादव ने बोला कि उनकी ख़्वाहिश थी की उनका बेटा क्रिकेटर बने और क्रिकेट के ईश्वर कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर की तरह राष्ट्र का नाम रौशन करे.
यही कारण था कि तैयारी के लिए उन्होंने मयंक को आर्य जिमखाना में भर्ती कराया. उसके बाद दिल्ली के ही इंद्रप्रस्थ नेशनल क्रिकेट एकेडमी में नामांकन कराया. उसके क्रिकेट गुरु देवेंद्र ने दिन-रात मेहनत कर उसे संवारा है.
बुमराह की तरह हैं बहुत प्रभावी
मयंक यादव ने अब तक 2 फर्स्ट क्लास, 17 लिस्ट और 11 टी20 मुकाबले खेले हैं. इसमें उन्होंने क्रमश: 2, 34 और 15 विकेट चटकाया है. मयंक की सबसे खास बात यह है कि टी20 क्रिकेट में भी उनका इकॉनामी दर केवल 6.48 का ही है. उनका हड़ताल दर भी 13.2 का है. बता दें कि 214 टी20 मुकाबले खेल चुके बुमराह का इकॉनामी दर 7.01 जबकि हड़ताल दर 18.2 है.