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पाकिस्तान में ऐसी पहली हिन्दू लड़की जो सॉफ़्टबॉल और बेसबॉल की बनी नेशनल चैंपियन

पड़ोसी राष्ट्र पाक में एक हिन्दू लड़की ने अनेक बाधाओं का पार करते हुए खेल की दुनिया में नया मुकाम बनाया है वह पाक में ऐसी पहली हिन्दू लड़की बन गई हैं, जो सॉफ़्टबॉल और बेसबॉल की नेशनल चैंपियन बनी हैं उस हिन्दू गर्ल का नाम है तुलसी मेघवार 21 वर्ष की तुलसी सिंध प्रांत के शहर कोटारी के साधु मोहल्ले की रहने वाली हैं

सिंधु नदी के दाहिने किनारे पर बसे गांव की निवासी तुलसी मेघवार को खेल का पहला स्वाद तब मिला, जब वह सातवीं कक्षा में थीं, जब उन्होंने सॉफ्टबॉल ट्रायल में भाग लिया था अब वह 21 वर्ष की हैं और पाक की राष्ट्रीय सॉफ्टबॉल टीम में है उन्हें अपने हिंदू परिवार में खेलों में नाम कमाने वाली पहली लड़की होने का गर्व है वह सॉफ्टबॉल और बेसबॉल की काफी निपुण खिलाड़ी हैं

पाकिस्तान के प्रसिद्ध अखबार ‘द डॉन’ के मुताबिक, कोटारी गर्ल्स कॉलेज से प्री-इंजीनियरिंग में इंटरमीडिएट करने वाली तुलसी कहती हैं, “मेरे विद्यालय और कॉलेज की अधिकतर लड़कियां या तो शादीशुदा हैं और अब अपने परिवार की देखभाल कर रही हैं या वे घर पर बैठी हैं और कुछ नहीं कर रही हैं” अपने विद्यालय के दिनों को याद करते हुए तुलसी कहती हैं कि जब वह सातवीं में पढ़ती थीं, तभी विद्यालय में एक स्पोर्ट्स कैम्प लगा, जिसमें हिस्सा लेने का मौका मिला था खुशकिस्मती से तुलसी का सेलेक्शन सॉफ्टबॉल में हो गया

जब तुलसी ने खेल की दुनिया में कदम रखा था, तब उन्हें ये नहीं पता था कि बेसबॉल और सॉफ्टबॉल भी कोई खेल होता है और उसे कैसे खेला जाता है पाक में अधिकांश क्रिकेट ही खेला जाता है बकौल तुलसी, जब उन्होंने कैंप में हिस्सा लिया तो पता चला कि यह अमेरिका का राष्ट्रीय खेल है और विश्व स्तर पर इसे खेला जाता है तुलसी बेसबॉल में नेशनल गेम्स, दो सिंध गेम्स और तीन क्षेत्रीय ओलंपिक खेल चुकी हैं उनके पास गोल्ड से लेकर ब्रॉंज मेडल भी हैं उनकी यह उपलब्धि उनके समुदाय को लड़कियों की शिक्षा के प्रति सतर्क कर रहा है

तुलसी कहती हैं, “जीवन में मुझे जो भी कामयाबी मिली है, उसका पूरा श्रेय मेरे माता-पिता को जाता है” उनके पिता ने उन्हें उस समय खेलों के ट्रायल में भाग लेने की अनुमति दी थी तुलसी के पिता हरजी लाल एक सिंधी अखबार के पत्रकार हैं हरजी लाल कहते हैं, ”जब मैंने अपनी लड़कियों को शिक्षित करने का निर्णय किया तो मेघवार समुदाय और यहां तक ​​कि मेरे अपने परिवार के कुछ सदस्य भी मेरी बहुत निंदा करते थे

उन्होंने कहा, “हमारा समुदाय काफी हद तक अशिक्षित है अफसोस की बात है कि उनमें स्वयं को शिक्षित करने की भी बहुत कम ख़्वाहिश है हमारे समाज में बेटियों को विद्यालय भेजना वर्जित माना जाता है, लेकिन मुझे गर्व है कि मेरी बेटी न सिर्फ़ पढ़ाई कर रही है, बल्कि खेलों में भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है” लाल कहते हैं कि जब भी तुलसी खेलने जाती है तो वह खेल के मैदान पर उपस्थित रहते हैं और तुलसी के हर मैच के दौरान उसकी हौसला अफजाई करते हैं

खेल की वजह से तुलसी ने पूरे राष्ट्र में पहचान बनाई है  उन्होंने हैदराबाद, कराची, लाहौर, क्वेटा, गुजरांवाला और पेशावर में मैच खेले हैं, जहां भी वह गई हैं, शील्ड, पदक और सामान्य प्रशंसा अर्जित की है दिसंबर 2019 में, तुलसी को 2019 सॉफ्टबॉल चैंपियनशिप में चीन में खेलने के लिए भी चुना गया था, हालांकि पाक टीम Covid-19 महामारी के कारण चीन की यात्रा नहीं कर सकी

तुलसी पाक में खेल के मैदानों की कमी पर अफसोस जताती हैं वह कहती हैं, “हमारे राष्ट्र में स्वस्थ शारीरिक गतिविधि की जरूरत है, लेकिन हमारी गवर्नमेंट की ओर से खेलों पर बहुत कम ध्यान दिया जाता है खेल मंत्रालय तो है लेकिन वह जिला स्तर पर खेल सुविधाओं के निर्माण और रखरखाव की बुनियादी सुविधाओं में भी सहायता नहीं कर सकता है” खेल के मैदान के अतिरिक्त तुलसी अपने घर पर भी बहन के साथ प्रैक्टिस करती है वह इंटरनेट और यूट्यूब से भी खेल के ट्रिक सीखती हैं

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