चंद्रशेखर आजाद के मैदान में उतरने से नगीना लोकसभा सीट पर हुआ चतुष्कोणीय मुकाबला
लखनऊ। यूपी के बिजनौर जिले की नगीना लोकसभा सीट इस बार हाई-प्रोफाइल हो गई। प्रदेश की दलित राजनीति में अपनी पहचान बनाने वाले आजाद समाज पार्टी के चंद्रशेखर आजाद के मैदान में उतरने से नगीना लोकसभा सीट पर मुकाबला चतुष्कोणीय हो गया है। वैसे तो सभी दलों के लिए पश्चिम उत्तर प्रदेश की यह सीट काफी महत्व रखती है, लेकिन चंद्रशेखर के लिए यह अस्तित्व की जंग भी है। यही वजह है कि उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोक दी है और मजबूती से चुनाव लड़ते दिख रहे हैं। जानकारों की मानें तो चंद्रशेखर के मजबूती से चुनाव लड़ने से सपा के प्रत्याशी मनोज कुमार कमजोर पड़ते दिख रहे हैं।
दरअसल, 2019 के मोदी लहर में भी यह सीट बीएसपी ने जीत ली थी। इस सीट से बीएसपी के गिरीश चंद्र जाटव ने जीत हासिल की थी, इस बार मायावती ने उन्हें बुलंदशहर से मैदान में उतारा है। आजाद समाज पार्टी के अनुसार आरक्षित नगीना लोकसभा सीट से चंद्रशेखर आजाद ने ताल ठोककर इस बार मुकाबले को रोमांचक बना दिया है। वैसे तो चंद्रशेखर इंडी गठबंधन के अनुसार मैदान में उतरना चाहते थे, लेकिन अखिलेश यादव और राहुल गांधी की तरफ से उन्हें कोई तवज्जो नहीं मिली तो अपनी पार्टी से ही अब चुनाव लड़ रहे हैं।
आकाश आनंद ने कहा हमला
नगीना लोकसभा सीट पर जंग कितनी रोमांचक है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने भी अपने चुनाव प्रचार का आगाज इसी सीट से किया। 6 अप्रैल की रैली में आकाश आनंद चंद्रशेखर आजाद पर करारा धावा बोला। आकाश आनंद ने चंद्रशेखर पर दलितों को भड़काने का इल्जाम तक लगा दिया। हालांकि चंद्रशेखर ने इस हमले का बहुत सधा हुआ उत्तर दिया और बोला कि बहन जी चाहती हैं कि मैं जीत जाऊं, इसलिए यहां कमजोर प्रत्याशी को मैदान में उतारा है।
दलित-मुस्लिम वोट काफी अहम
नगीना लोकसभा सीट पर दलित और मुस्लिम वोट काफी अहम है। चंद्रशेखर के मैदान में उतरने से डालती वोट बैंक में बंटवारे की आसार जताई जा रही है। साथ ही बोला जा रहा है कि मुसलमान वोट भी चंद्रशेखर के पाले में जा सकता है। इस हालात में किसे अधिक लाभ होगा और किसे कम, इस पर नगीना के सुलेमान कहते हैं कि इस सीट पर अखिलेश यादव से गलती हो गई। यदि वे चंद्रशेखर को टिकट दे देते तो इस सीट पर जीत पक्की थी। अब यह तय नहीं है कि चारों प्रत्याशियों में से कौन जीत जाए। उनका बोलना है कि बड़ी संख्या में मुस्लिम चंद्रशेखर के लिए प्रचार भी कर रहे हैं।