उत्तर प्रदेश

चित्रकूट धाम में 5 दिवसीय हरित संगम मेला शुरू

अमृता देवी पर्यावरण संस्थान एवं नगर परिषद द्वारा पांच दिवसीय हरित संगम 2024 मेले का शुरुआत आज भीलवाड़ा के चित्रकूट धाम में किया गया मेले का मुख्य आकर्षण इस मौके पर शहर में निकली बैलगाड़ी यात्रा रही

इस यात्रा में भीलवाड़ा जिले से मंगवाई 107 बैलगाड़ियां सभी के आकर्षण का केंद्र रही क्षेत्रीय मोदी ग्राउंड से 107 बैलगाड़ियों की यात्रा शहर के प्रमुख संत और प्रांत प्रचारक विजय आनंद , पद्मश्री हुकुमचंद पाटीदार ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया शहर के मुख्य मार्ग से होती हुई यह बैलगाड़ी यात्रा दोपहर 1:00 बजे के बाद चित्रकूट धाम पहुंची

बैलगाड़ी यात्रा को लेकर शहर में उत्साह का माहौल देखने को मिला यात्रा से पूर्व बैलगाड़ियों को भिन्न-भिन्न थीम पर सुन्दर ढंग से सजाया गया , इन बैलगाड़ियों में विभिन्न स्कूली छात्र-छात्राएं , स्त्री मंडल एवं अन्य स्वयंसेवी संस्थान के सदस्य सवार हुए  बैलगाड़ी यात्रा का उद्देश्य शहर के लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाना है इस मौके पर शहर के विभिन्न स्थानों पर बैलगाड़ी यात्रा का पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया गया मेला स्थल चित्रकूट धाम पहुंचने पर शोभायात्रा संपन्न हुई

कार्यक्रम सह सयोजक राजकुमार बम्ब ने जानकारी साझा करते हुए ने कहा कि हरित संगम 2024 पांच दिवसीय पर्यावरण मेले की आरंभ आज बैलगाड़ी यात्रा के साथ की गई है इस यात्रा का उद्देश्य शहर के लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाना, पॉलिथीन के इस्तेमाल को बंद करना साथ ही पेड़ लगाने और पर्यावरण बचाने पर बल देना है

पांच दिन चलने वाले इस मेले में रोजाना दिन मुफ़्त चिकित्सा जांच शिविर का आयोजन होगा तेरापंथ योग परिषद संस्था द्वारा ब्लड प्रेशर एवं ब्लड शुगर की मुफ़्त जांच की जाएगी 11 जनवरी को मानव सेवा उपकरण शिविर महावीर इंटरनेशनल कनक द्वारा आयोजित किया जाएगा 12 जनवरी को दोपहर में कनक द्वारा नेत्र जांच एवं परामर्श शिविर का आयोजन होगा

13 जनवरी को तेरापंथ स्त्री मंडल द्वारा आयुर्वेदिक होम्योपैथिक एवं एक्यूप्रेशर शिविर का आयोजन के साथ ही आखिरी दिन 14 जनवरी को योगदान सेवा फाउंडेशन द्वारा मेला स्थल पर विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा मेले के दौरान 10 से 14 जनवरी तक रोजाना शहर में साइकिल रैली निकली जाएगी और रैली के माध्यम से पर्यावरण बचाने का संदेश दिया जाएगा मुख्य रूप से संस्था के द्वारा इन सभी आयोजन का उद्देश्य पेड, पानी और पॉलिथीन इस्तेमाल के प्रति जागरूकता लाना और पर्यावरण बचना है

इस मौके पर बीजेपी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पुनिया ने बोला कि नंदी की प्रासंगिकता आज भी बनी हुई है बैल की प्रासंगिकता आज भी है इसलिए जड़ों की ओर लौटे , संस्कृति की ओर लौटे समन्वय के साथ में आधुनिकता, विज्ञान और हिंदुस्तान की संस्कृति तीनों का संबंध हिंदुस्तान को आगे ले जाएगा

संस्कृति और आधुनिकता के बीच में विज्ञान कभी भेद नहीं करती और हिंदुस्तान के वेद उपनिषद और पुराणों ने तो विज्ञान की प्रासंगिकता के संबंध में रखा है और इसलिए स्वामी विवेकानंद कहते थे गीता और विज्ञान इनका संबंध हिंदुस्तान को तरक्की के रास्ते ले जा सकता है कोई जमाना था जब नेहरू जी कहते थे बैलगाड़ी से हम लोग तरक्की नहीं कर सकते लेकिन आज वही राष्ट्र है, बैलगाड़ी वाला राष्ट्र है जो अंतरिक्ष में सबसे अधिक छलांग लगा रहा है लेकिन यह बेल यह सिर्फ़ प्रतीक मात्र नहीं है अर्थव्यवस्था का प्राण तत्व है और इसलिए इनका संदेश यह है कि जो पुराने समय में हमारे यहां जो संस्कृति थी, हमारे यहां जो परिपाटी थी, पर्यावरण के संरक्षण का जो संदेश था एक सामाजिक अर्थव्यवस्था थी, प्रबंध थी और उसी का संदेश है

छोटी जोत में जितना ट्रैक्टर सफल नहीं उतना हमारा नंदी सफल है मेले के दौरान पर्यावरण संरक्षण के प्रति आमजन को सतर्क करने के उद्देश्य से फ्लावर प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया है जिसमें 200 से अधिक वैरायटी के 10 हजार पौधे सजाए गए है साथ ही पर्यावरण संरक्षण के प्रति आमजन को सतर्क करने के उद्देश्य से जोधपुर से आई खम्मू राम विश्नोई की टीम द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी भी मेले में प्रमुख आकर्षण का केंद्र बनी हुई है

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