उत्तर प्रदेश

देवरिया से अखिलेश सिंह को मिला कांग्रेस का लोकसभा टिकट

देवरिया की लोकसभा सीट से कांग्रेस पार्टी पार्टी ने शनिवार देर रात अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. पार्टी ने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता और रुद्रपुर सीट से विधायक रहे अखिलेश प्रताप सिंह को प्रत्याशी बनाया है. पीएम मोदी के नीतियों के मुखर विरोधी और कांग्रेस पार्टी में गांधी परिवार के बहुत करीबी अखिलेश प्रताप सिंह की छवि जुझारू रही है. 2017 के चुनाव प्रचार में राहुल गांधी की पहली खाट सभा कराकर सुर्खियों में आए थे. अखिलेश सिंह इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से परास्नातक उत्तीर्ण कर कांग्रेस पार्टी पार्टी से जुड़ गए. यूथ कांग्रेस पार्टी के यूपी अध्यक्ष से लेकर पार्टी के विभिन्न पदों पर रहे. अखिलेश प्रताप सिंह लंबे समय से राष्ट्रीय प्रवक्ता की किरदार में हैं, जहां वह न सिर्फ़ अपनी पार्टी की नीतियों की जोरदार वकालत करते हैं, वहीं बीजेपी की नीतियों समेत पीएम पर हमलावर रहते हैं. विधायक रहने के दौरान अखिलेश प्रताप सिंह ने बाढ़ प्रभावित रुद्रपुर क्षेत्र में न सिर्फ़ सड़कों का जाल बिछाया, बल्कि क्षेत्र के विकास के लिए समाजवादी पार्टी गवर्नमेंट से भी योगदान लेने में गुरेज नहीं किया. इस दौरान उनकी छवि विकास पुरूष के रूप में उभरी. अगले चुनावों में इन कामों का निर्णायक फायदा नहीं मिला. 2017 और 2019 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी के जय प्रकाश निषाद के हाथों हार मिली. हार के बाद भी नहीं कम हुआ कद अखिलेश सिंह ऐसे नेताओं में से हैं जिनका दो चुनाव हारने के बाद भी पार्टी में कद कम नहीं हुआ है. रुद्रपुर विधानसभा, देवरिया लोकसभा में नहीं होने के बाद भी पार्टी ने इस चर्चित सीट से उम्मीदवार बनाया है. हालांकि पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी जनसंपर्क कर अपनी दावेदारी की थी. पार्टी हाईकमान ने 40 वर्ष बाद देवरिया की प्रतिष्ठापरक सीट को जीतने के लिए अखिलेश सिंह पर दाव लगाया है. प्रत्याशी घोषित होने के बाद अखिलेश सिंह ने बोला कि जिस देवरिया जिले को कांग्रेस पार्टी की सरकारों के समय चीनी का कटोरा बोला जाता था. कहां गईं चीनी मिलें. चार ईंजन की गवर्नमेंट में विकास से क्यों अछूता रह गया जिला. जिस बाईपास का शिलान्यास केंद्रीय मंत्री गडकरी और सीएम ने दो वर्ष पहले किया था. कहां है वह बाईपास. विकास, बेरोजगारी और महंगाई के मामले पर जनता के बीच संपर्क कर रहे. अखिलेश सिंह जीत के प्रति आश्वस्त हैं.

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