भगवान विश्वनाथ के दर्शन के लिए काशी पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए है ये अच्छी खबर
देश के कोने-कोने ईश्वर विश्वनाथ के दर्शन के लिए काशी पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं के लिए अच्छी समाचार है। उन्हें स्टेशन से मंदिर पहुंचने में अधिक समय नहीं लगेगा। कैंट स्टेशन से मंदिर के करीब तक निर्माणाधीन रोपवे के पहले चरण का काम पूरा होने का समय तय हो गया। यानी तय समय के बाद श्रद्धालु स्टेशन से मंदिर तक का आधा यात्रा सुविधाजनक ढंग से पूरा कर सकेंगे। हालांकि, दूसरे चरण में मंदिर तक का काम भी तेजी से चल रहा है।
रोपवे निर्माण करने वाली एनएचएआई की कंपनी एनएचएलएमएल के सीईओ प्रकाश गौड़ ने कहा कि पिछले साल मार्च में रोपवे का शिलान्यास पीएम द्वारा किया गया था और करीब एक साल में (मार्च-अप्रैल 2024 तक) दो किमी। रोपवे नेटवर्क तैयार हो जाएगा और कमीशन भी कर दिया जाएगा। अप्रैल और मई दो माह रोपवे का ट्रायल चलेगा। वैसे मार्च-अप्रैल में आचार संहिता लागू होने की आसार है, इसलिए इसका उद्घाटन नहीं किया जा सकता है।
इस बीच अप्रैल-मई इन दो माह ट्रायल होगा, जिसमें रोपवे की सभी तकनीकी पहलुओं की जांच की जाएगी। जून 2024 में रोपवे का उद्घाटन होगा, जिसके बाद आम लोगों के लिए रोपवे की सर्विस प्रारम्भ हो जाएगी। सीईओ ने कहा कि इस दो किमी। लंबे रूट में तीन स्टेशन पड़ेंगे। पहला कैंट जहां से रोपवे प्रारम्भ हो रहा है। दूसरा विद्यापीठ और तीसरा रथयात्रा स्टेशन होगा। इस स्टेशन के पास हिंदुस्तान माता का मंदिर पड़ता है, इस मंदिर के दर्शन करने वाले लोगों को भी राहत होगी।
स्विट्जरलैंड से इसी माह पहुंच रही हैं केबल कार
रोपवे के लिए केबल कार स्विट्जरलैंड इसी माह पहुंचनी प्रारम्भ हो जांएगी। वैसे वहां पर काफी संख्या में रोपवे का संचालन होता है और स्विट्जरलैंड को रोपवे पर एक्सपर्टीस हैं। इसलिए केबल कार वहां से मंगाई जा रही हैं। इस रोपवे में 10 सीटों वाली केबल कार चलेगी। आरंभ में कुल 18 केबल कार रोपवे में चलेंगी। हालांकि रोपवे का डिजाइन ऐसा किया जाएगा कि केबल कार की संख्या आवश्यकता के मुताबिक बढ़ाई जा सके।
रोपवे पर एक नजर
रोपवे की कुल लंबाई 3.75 किमी होगी। इसमें पांच स्टेशन बनाए जाएंगे, लेकिन चढ़ने उतरने के लिए चार स्टेशन ही होंगे। पांचवां स्टेशन तकनीकी कारणों से बनाया जाएगा। इन चार स्टेशनों में पहला कैंट रेलवे स्टेशन होगा, दूसरा विद्यापीठ, तीसरा रथयात्रा और चौथा, आखिरी स्टेशन गोदौलिया होगा। वैसे इसके आगे मंदिर जाने के लिए गाड़ी नहीं जाते हैं, इसलिए यहीं तक रोपवे चलाया जाएगा।
प्रति घंटे 3000 यात्री यात्रा कर सकेंगे
रोपवे की केबल कार पर प्रति घंटे 3000 यात्री यात्रा कर सकेंगे। लोगों की संख्या बढ़ाने के साथ केबल कारों की संख्या बढ़ाई जाएगी। शुरुआती दौर में 300 यात्री प्रति घंटे यात्रा कर सकेंगे।
पूरा रोपवे तैयार होने के बाद बचेगा 30 मिनट का समय
पूरा रोपवे निर्माण के बाद कैंट स्टेशन से मंदिर तक पहुंचने में 30 मिनट का समय बचेगा। अभी सामान्य तौर पर स्टेशन से गोदौलिया (मंदिर के करीब) तक पहुंचने में 45 मिनट का समय लग जाता है। लेकिन रोपवे प्रारम्भ होने के बाद 15 से 16 मिनट में पहुंचा जा सकेगा। वैसे जिस रूट पर रोपवे का निर्माण किया जा रहा है, वहां ट्रैफिक अधिक रहता है।